घर में कर रहा था अफीम की खेती, पुलिस ने ड्रोन की मदद से पकड़ा, 1 लाख रुपये कीमत के 450 पौधे जब्त 

सिंगरौली जिले की पुलिस ने अफीम की अवैध खेती का पता लगाने के लिए हाईटेक तरीके का इस्तेमाल किया, पुलिस ने ड्रोन की मदद से खेती वाले स्थान का पट अलगाया और फिर वहां छापा मारकर आरोपी को गिरफ्तार किया और करीब 1 लाख रुपये के अफीम के पौधे जब्त किये ।

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450 opium plants worth Rs 1 lakh seized: मध्य प्रदेश सरकार ने मादक पदार्थों के विरुद्ध अभियान चलाकर कार्रवाई करने के निर्देश पुलिस और अन्य संबंधित विभागों को दे रखे हैं जिसका परिणाम भी समय समय पर सामने आता रहता है, इसी क्रम में सिंगरौली जिले की पुलिस ने 1 लाख रुपये कीमत के 450 अफीम के पौधे जब्त  किये हैं

अवैध मादक पदार्थ की तस्करी एवं संग्रहण तथा खेती में संलिप्त व्यक्तियों के विरुद्ध सिंगरौली पुलिस अधीक्षक मनीष खत्री द्वारा लगातार ऑपरेशन प्रहार चलाया जा रहा है। इसी कड़ी में जिले की माड़ा पुलिस ने हाइटेक तरीके से आरोपी की निगरानी कर उसे धर दबोचा।

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ड्रोन से की निगरानी फिर मारा छापा 

माड़ा पुलिस ने थाना क्षेत्र में अवैध मादक पदार्थों की तस्करी व बिक्री की सूचना मिलते ही टीम गठित कर ड्रोन से तस्दीक की, जिसके बाद कार्यवाही कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। माड़ा पुलिस की यह कार्रवाई अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक शिवकुमार वर्मा, अनुविभागीय अधिकारी केके पाण्डेय की देखरेख में माड़ा निरीक्षक शिवपूजन मिश्रा द्वारा की गई।

1 लाख रुपये कीमत के अफीम के पौधे जब्त 

पुलिस ने बताया कि मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि ग्राम धनहरा में गोवर्धन प्रसाद जायसवाल नामक किसान स्वयं के मकान के पीछे बनी बाउंड्री के अंदर अफीम के पौधों की खेती कर रहा है, सूचना मिलने के बाद पुलिस टीम द्वारा क्षेत्र में ड्रोन कैमरा उड़ाकर अफीम की खेती का स्थान चिन्हित कर रेड कार्यवाही करते हुए आरोपी गोवर्धन प्रसाद जायसवाल के कब्जे से 1 लाख कीमत के 450 नग अफीम के पौधे जब्त कर लिए और आरोपी गोवर्धन प्रसाद जायसवाल को एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया।

सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट 


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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