राघवेन्द्र सिंह गहरवार/सिंगरौली। ऊर्जाधानी के नाम से देश मे ख्यातिलब्ध सिंगरौली जहाँ ऊर्जा का अपार भंडार है और अपने यहाँ की बिजली से देश के कई राज्य जगमग हो रहे है लेकिन कितने आश्चर्य और शर्म की बात है कि अपने जिले में आज भी दर्जनों गांव ऐसे है जहाँ अंधेरा छाया रहता है,कुछ गावो में बिजली है भी तो बिजली विभाग के आंख मिचौली के खेल ने ग्रामीणों को खून के आंसू रुला रहा है। ऐसा ही एक ताजा मामला देवसर विधानसभा अंतर्गत चितरबई कला से संज्ञान में आया है जहा बिजली की लगातार कटौती से न केवल ग्रामीण परेशान है बल्कि विद्यार्थी भी तंग है क्योकि बीते कुछ दिनों में बोर्ड की परीक्षाएं आरंभ होने वाली है प्राप्त जानकारी के अनुसार जिला मुख्यालय से महज़ 20 किलोमीटर दूर पर एक गाँव है चितरबई कला है जहाँ लगभग 500 घर हैं जहाँ की आबादी लगभग 5000 हजार के आस पास हैं इस गांव में बिजली की बिकराल समस्या है क्योकि 24 घंटे में महज 8 घंटे बिजली गांव को मिल पा रही है जिसके कारण विद्यार्थियों और ग्रामीणों को काफी समस्या से जूझना पड़ रहा है
गर्मी-जाड़े की मार,बरसात में हाल बेहाल
चितरबई कला के लोगो ने कहा कि हर बदलता मौसम नई परेशानिया लेकर आता है एक तरफ गर्मी की मार से जीना दूभर हो जाता है तो वही दूसरी तरफ ठंड में बच्चे बुढो को कड़ाके की ठंड सताती है वही बरसात के मौसम के बारे में क्या कहा जाए हर वक्त भय बना रहता है कि कही बरसाती जहरीले कीड़े मकोड़े किसी को न काट ले
विभाग उदासीन, जनप्रतिनिधि मौन
बिजली विभाग की उदासीनता और चुने हुए जनप्रतिनिधियो की चुप्पी के कारण चितरबई कला को 24 घंटे बिजली नही मिल पा रही है कहते हैं की बच्चे व युवा आने वाले समय मे देश के भविष्य हैं लेकिन इन भविष्य के साथ बिजली विभाग व चुने हुए जनप्रतिनिधि अन्याय करते नजर आ रहे हैं क्योकि आजादी के बाद आज तक इस गांव को 24 घंटे बिजली नही मिल पाई वही सूत्र कहते हैं कि घनी आबादी वाले चितरबई कला गांव को कुछ नेताओ के कूटनीति के कारण कृषि क्षेत्र घोषित करवा दिया गया जिसके कारण वहाँ महज चार – चार घंटे करके बिजली सिंचाई के लिए तो दी जा रही है लेकिन घरों का अंधेरा दूर कर उजाला करने के लिए 24 घंटे बिजली आज तक नही मिल पाई जिसके कारण बच्चों की पढाई लिखाई,शादी ब्याह और भी सांस्कृतिक व धार्मिक कार्यो में बिजली की कमी खलती दिखाई देती है इसका परिवारों की उत्पादकता,खासकर महिलाओं और बच्चों के स्वास्थ्य और शिक्षा पर बेहद नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।
दीपक तले अंधेरा
किसी ने सही कहा है कि दीपक तले अंधेरा क्योकि जिस सिंगरौली जिले को उर्जाधानी के नाम से जाना जाता है सिंगापुर की उपाधि मिली हो जो सिंगरौली जिला विद्युत की जननी है उसी जिले के लोग उजाले के लिए तरसते दिखाई दे रहे हैं जिस जिले के विद्युत से कई राज्यो के घरो का अंधेरा दूर होता हो उसी जिले के लोग अंधेरे में अपना जीवन जीने के लिए मजबूर हैं अतः ये कहना अतिश्योक्ति नही होगा कि दीपक तले अंधेरा