Tue, Dec 30, 2025

इंसानियत हुई शर्मसार, डिग्गी में नवजात का शव रखकर ले जाते परिजन, स्वास्थ व्यवस्था पर खड़े हुए सवाल

Written by:Amit Sengar
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इंसानियत हुई शर्मसार, डिग्गी में नवजात का शव रखकर ले जाते परिजन, स्वास्थ व्यवस्था पर खड़े हुए सवाल

सिंगरौली,राघवेन्द्र सिंह गहरवार। मध्यप्रदेश के सिंगरौली (singrauli) से एक ऐसा मामला सामने आया है, जो सुनने और देखने वालों का दिल दहला देगा, यहां एक मजबूर माता पिता अपने नवजात बच्चे का शव अपनी मोटरसाइकिल की डिग्गी में रखकर घर ले गए, जिसने भी यह नजारा देखा उसकी आंखें नम हो गई, लेकिन कोई इनकी मदद न कर सका। दरअसल जिला ट्रामा सेंटर में इस नवजात को इलाज के लिए उसके माता-पिता लेकर पहुंचे लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।

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परिजनों का आरोप है कि नवजात को यहां के चिकित्सको ने प्राइवेट अस्पताल के लिए रेफर कर दिया था लेकिन गरीब माँ बाप उसे प्राइवेट अस्पताल नही ले जा पाए, उस मासूम ने दम तोड़ दिया, बच्चे की मौत के बाद बेरहम अस्पताल प्रबंधन ने नवजात का शव पॉलिथीन में लपेटकर परिजनों को सौंप दिया, बच्चे की मौत से सदमे में माता-पिता को जब पन्नी में लिपटा मासूम का शव मिला तो उनके हाथ कांप गए, लेकिन गरीब और मजबूर माता-पिता के पास कोई और चारा भी नही था। हालांकि उन्होंने अस्पताल में डॉक्टर्स से शव वाहन की गुहार लगाई लेकिन उन्हें शव वाहन उपलब्ध नही करवाया गया। जिसके बाद परिजन बच्चे के शव को हॉस्पिटल से मोटरसाइकिल की डिग्गी में डालकर माता-पिता घर के लिए रवाना हो गए।

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बच्चे की मौत का गम और फिर उसे इस तरह ले जाने की तकलीफ और मजबूरी ने दोनो का कलेजा चीर दिया, इस पूरे नज़ारे को जिसने देखा उसकी भी आंखे नम हो गई लेकिन अस्पताल प्रबंधन और स्टाफ को कोई फर्क नही पड़ा, न ही किसी ने शव वाहन या एम्बुलेंस के इंतजाम के लिए कोई कवायद की, इस खबर ने सोचने पर मजबूर कर दिया कि प्रदेश स्वास्थ्य सेवाओं में नित नई उचाईयां हासिल कर रहा है लेकिन शायद मानवता या इंसानियत उतनी ही तेज़ी से नीचे आ रही है। फिलहाल इस घटना ने न सिर्फ सवाल खड़े कर दिए है बल्कि जोरदार तमाचा भी मारा है सरकार के मुहँ पर, जो यह दावा करती है कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में। हम अव्वल है।