सिंगरौली, राघवेन्द्र सिंह गहरवार। जिला कलेक्टर राजीव रंजन मीणा ने सड़कों पर आवारा पशुओं को छोड़ने वालो के विरूद्ध एफआईआर (FIR) दर्ज कराने तथा जिले मे संचालित पशु चिकित्सालयों मे बीमार पशुओं के इलाज हेतु समुचित व्यवस्था सुनिश्चित करने की बात कही है। वहीं जिला पशु चिकित्सालय मे एक्सरे मशीन सहित लैब की शीघ्र स्थापना कराने का निर्देश भी दिया। कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित पशु क्रूरता निवारण समिति के बैठक के दौरान उप संचालक पशु चिकित्सा को ये निर्देश दिए गए।
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कलेक्टर राजीव रंजन मीणा की अध्यक्षता एवं विधायक राम लल्लू वैश्य, पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह, जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी साकेत मालवीय, अपर कलेक्टर डी.पी वर्मन, संयुक्त कलेक्टर बी.पी पाण्डेय, एसडीएम ऋषि पवार, निगमायुक्त आर.पी सिंह, उपसंचालक पशु पालन डॉ. डी.पी तिवारी सहित समिति के सदस्यों की उपस्थिति में पशु क्रूरता निवारण समिति की बैठक हुई। बैठक के दौरान कलेक्टर ने कहा कि शहरी क्षेत्र की प्रमुख सड़कों पर अधिकांश पशुओं का जमावड़ा बना रहता है जिससे आवागमन प्रभावित होता है, साथ दुर्घटना की आशंका भी बनी रहती है। इसकी रोकथाम के लिए नगर निगम के दल के साथ ही राजस्व एवं स्वास्थ्य विभाग का दल संयुक्त रूप से पशुओं को आवारा छोड़ने वाले पशु स्वामियों को चिन्हित कर उनके विरूद्ध एफआईआर दर्ज कराने तथा संबंधित दल के साथ साथ पशु विभाग की टीम को आवारा पशुओ को गौ शालाओं मे भेजने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा। उन्होने निर्देश दिया कि गौशालाओं का निरीक्षण पशु चिकत्सालय के उपसंचालक करें और देखें कि गौशाला में पर्याप्त पशुओं को रखने का स्थान एवं उन्हें दिये जाने वाले आहार के साथ साथ पानी की समुचित व्यवस्था रहे।
कलेक्टर ने नगर निगम आयुक्त को निर्देश दिये कि एनसीएल एवं एनटीपीसी कालोनियों में निवास करने वाले पशु मालिकों के द्वारा भी अपने पशुओं को आवारा छोड़ जा रहा है, जिसके कारण अमलोरी, निगाही, जयंत के मुख्य सड़कों पर जाम की स्थिति बनी रहती है। संबंधित परियोजना अधिकारी को इस आशय का पत्र जारी करें कि उनकी परियोजनाओं मे आवारा पशुओं को छोड़ने वालो के विरूद्ध कार्यवाही की जाए। कलेक्टर ने पशुधन को बढ़ावा देने के लिए जिले मे स्थापित पशु चिकित्सालयों मे अच्छी व्यवस्था कायम रखने के निर्देश उप संचालक पशु चिकित्सा को दिये और कहा कि सभी चिकित्सालयों की ओपीडी प्रातः 9 से शायं 4 बजे तक अवकाश दिवस को छोड़कर नियमित रूप से संचालित रहे। उन्होने निर्देश दिया कि कितने पशुओं का इलाज किया गया इसकी भी जानकारी पंजी मे दर्ज की जाए।
कलेक्टर ने निर्देश दिया कि दुर्घटना ग्रस्त पशुओं को रखने की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाये। शहरी क्षेत्र मे दुर्घटना ग्रस्त होने वाले पशुओ को चिकित्सलय तक भेजने की व्यवस्था नगर निगम के द्वारा की जाये इसके लिए नगर निगम कार्यालय मे कंट्रोल रूम की स्थापना कर हेल्प लाइन नम्बर सर्वजनिक किया जाये। उन्होने बीमार पशुओ के उचित इलाज हेतु प्रारंभिक दौर में जिला चिकत्सालय में एक्सरे मशीन एवं लैब स्थापित करने के निर्देश दिये। उन्होने कहा कि दुग्ध व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए पशु पालकों को दूधारू पशुओं के संबंध में अभियान चलाकर जागरूक किया जाये। उन्होने बैठक मे उपस्थित उपसंचालक पशु विभाग से पशुओं मे होने वाली बीमारियो की रोकथाम के लिए वर्षा पूर्व किये जाने वाले टीकाकरण के संबंध में जानकारी ली गई। उप संचालक ने बताया कि जिले मे 6 लाख पशुओं के टीकाकरण का कार्य 15 जून से प्ररंभ किया जायेगा जो 3 माह मे पूर्ण होगा।
बैठक में उपस्थित विधायक सिंगरौली राम लल्लू वैश्य ने सुझाव दिया कि गौ शालाओं में निर्धारित क्षमता के अनुसार पशुओं को रखा जाये तथा इनके देख रेख के साथ ही आहार की समुचित व्यवस्था कराई जाये। उन्होने कहा कि जिले में कितनी नस्लों के पशु हैं इसकी जानकारी हेतु सर्वे कराया जाये जिससे पशुओं की वास्तविक स्थित का पता चल सके। वहीं सड़कों पर एकत्रित होने वाले पशुओं को अभियान चलाकर गौशाला मे भेजने का कार्य किया जाये। उन्होने सुझाव दिया कि आवारा कुत्तों को भी दूर भेजने की व्यवस्था की जाये। बैठक में पुलिस अधीक्षक वीरेन्द्र सिंह ने कहा कि शहर की सड़कों पर आवारा पशुओं का जमावड़ा अत्यन्त चिंताजनक है। इससे आये दिन दुर्घटनाएं होती रहती है। इसकी रोकथाम के साथ साथ आवश्यक व्यवस्थाओं के लिए कड़े कदम उठाये जाएं, यदि इस कार्य में पुलिस बल की आवश्यकता पड़े तो मुझे अवगत कराया जाए।