Singrauli News : मध्य प्रदेश के सिंगरौली जिले के मोरवा में दिवाली की अर्द्ध रात्रि फर्नीचर की दुकान में भीषण आग लग गई। इसी दौरान लोगों द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन समेत दमकल विभाग व विद्युत विभाग को भी सूचित किया गया। दमकल विभाग के पहुंचने तक आग ने विकराल रूप ले लिया था। देखते ही देखते आग पूरी तरह दुकान में फैल गई। किसी तरह सोमवार सुबह 6 बजे आग पर काबू पाया गया। इस आगजनी में विनोद जायसवाल से सटी उनके भाई रोहित जायसवाल की दुकान भी स्वाहा हो गई।
यह है पूरा मामला
मिली जानकारी के अनुसार, देर रात 2 बजे विनोद जायसवाल के फर्नीचर दुकान में शॉर्ट सर्किट से आग लग गई। जब स्थानीय लोगों ने आग की लपटों को निकलते देखा तो उन्होंने ऊपर सो रहे घर वालों को सूचित किया। इसके बाद सभी आग बुझाने की जुगत में लग गए। इसी दौरान लोगों द्वारा स्थानीय पुलिस प्रशासन समेत दमकल विभाग व विद्युत विभाग को भी सूचित किया गया। दमकल विभाग के पहुंचने तक आग ने विकराल रूप ले लिया था। जिसकी जद में दो दुकान समेत ऊपर के मकान आ गए। स्थानीय लोगों की मदद से घर में रखे सिलेंडर और कीमती सामानों को लेकर घर वालों को भाग खड़ा होना पड़ा। बताया जा रहा है कि दोनों भाइयों के परिवारों को मिलाकर करीब दर्जन भर लोग ऊपर बने मकान में रहते थे।
बता दें कि विनोद जायसवाल की फर्नीचर दुकान में सबसे अधिक प्लास्टिक का समान रखा हुआ था। इसमें प्लास्टिक की टेबल, कुर्सी, आलमीरा आदि सामान उनकी दुकान में अधिक मात्रा में भरे हुए थे। शॉर्ट सर्किट से लगी आग ने प्लास्टिक को अपनी चपेट में ले लिया, जिससे आग और भड़कने लगी। स्थानीय लोगों ने शटर तोड़कर आग पर काबू करने का प्रयास किया पर आग ने इतना विकराल रूप ले लिया था कि नीचे दुकान से आग की लपटें ऊपर मकान तक सुलगने लगी। स्थानीय लोगों की मदद से बुजुर्ग पिता समेत बच्चों और महिलाओं को मकान से बाहर निकला गया। व्यवसाई विनोद जायसवाल की माने तो इस दुर्घटना में उनके करीब 50 लाख का नुकसान हुआ है।
आग लगने की सूचना मिलने पर डेढ़ घंटे बाद नगर निगम का दमकल वाहन पहुंचा। स्थानीय लोगों का आरोप है कि दमकल वाहन में आधा टैंकर ही पानी भरा था जो बहुत जल्द खत्म हो गया। पुनः वाहन को पानी भरने जाना पड़ा। जयंत स्थित सीआईएसएफ दमकल वाहन मुख्य रूप से स्थानीय लोग और पुलिस प्रशासन की मदद से ही आग पर काबू करने का प्रयास करते रहे। लोगों की मानें तो यदि सीआईएसफ विभाग दमकल वाहन के साथ मौजूद नहीं रहता और यदि 1 घंटे और आग पर काबू नहीं पाया गया होता तो इसकी चपेट में पूरा मोहल्ला आ जाता। गौरतलब है की ऑडी मेला के कारण दमकल वाहन झिगुरदा स्थित हनुमान मंदिर में खड़ा था। सूचना के बाद यहां तक पहुंचने में उसे समय लग गया।
आग लगने की इस घटना में दुकान समेत पूरा मकान जल का खाक हो गया है। अब उस मकान में रहने की स्थिति नहीं है। उसे पुनः गिराकर बनाना पड़ेगा, यदि ऐसा नहीं हुआ तो कभी भी उस सड़क पर बड़ा हादसा देखा जा सकता है। इस घटना को लेकर क्या पक्ष क्या विपक्ष स्थानीय लोगों समेत सभी नगर निगम के खिलाफ आक्रोशित दिखे। लोगों का आरोप था कि 1999 की सर्वे ऑफ दमकल वाहन को मोरवा नगर निगम उप केंद्र में रख दिया गया है। कुछ वर्षों पहले जब होली के दिन गर्ग किरण में भीषण आग लगी थी तो स्थानीय लोगों ने नगर निगम के खिलाफ जमकर अपना आक्रोश जाहिर किया था। इसके बाद नया दमकल वाहन मोरवा में आया तो जरूर मगर कुछ दिन बाद ही उसे जिला मुख्यालय भेज दिया गया। इस तरह उपेक्षित हो रहे मोरवा से लोगों को हर बार एक भीषण हादसे का सामना करना पड़ा है, जिस कारण जहां के लोगों में आक्रोश है।
सिंगरौली से राघवेन्द्र सिंह गहरवार की रिपोर्ट
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Amit Sengar
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वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”