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Mon, Dec 15, 2025

MP की वो ऐतिहासिक गढ़ी, जहां AC भी हो जाए फेल! हर कोने में छुपा है अनोखा रहस्य

Written by:Sanjucta Pandit
ऐसे में यदि आप एमपी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको एक ऐसे महल के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो कि प्रदेश की शान है। इसका इतिहास काफी पुराना और रोचक माना जाता है।
MP की वो ऐतिहासिक गढ़ी, जहां AC भी हो जाए फेल! हर कोने में छुपा है अनोखा रहस्य

भारत का दिल कही जाने वाले मध्य प्रदेश (MP) में एक से बढ़कर एक घूमने फिरने वाले स्थान हैं। यहां की अनोखी परंपरा, भाषा शैली, खानपान, रहन-सहन, पहनावा-उढ़ावा सब कुछ इसे बाकी राज्यों से अलग बनाता है। कई मायनों में यह अन्य सभी प्रदेशों से हटकर है। यहां खाने-पीने के लिए लाजवाब व्यंजन मिलते हैं, तो यहां पर राजनीति सक्रियता भी काफी अधिक है। मध्य प्रदेश सरकार द्वारा आए दिन लोगों के हित में फैसले लिए जा रहे हैं।

ऐसे में यदि आप एमपी घूमने का प्लान बना रहे हैं तो आज हम आपको एक ऐसे महल के बारे में विस्तार से बताएंगे, जो कि प्रदेश की शान है। इसका इतिहास काफी पुराना और रोचक माना जाता है।

शीतल गढ़ी

दरअसल, इस जगह का नाम शीतल गढ़ी है, जो कि एमपी के छतरपुर के डूबेला में बनी हुई है। इसका निर्माण महाराजा छत्रसाल के नाती द्वारा 17वीं शताब्दी में कराया गया था। इसके आगे एयर कंडीशनर भी फेल है। इस किले का निर्माण आवासीय उद्देश्य की दृष्टि से कराया गया था, जहां रानियां भीषण गर्मी से बचाव के लिए आराम किया करती थीं। इसके अंदरूनी हिस्से को पत्तेदार पैटर्न से सजाया गया है, जिसे देखने के लिए आज भी दूर-दराज से लोग आते हैं।

गुप्त कमरे

यहां कई सारे गुप्त कमरे और सुरंगें बनी हुई हैं जो आज भी मौजूद हैं। यहां बनी पुरानी इमारतें और महल ‘घड़ी’ का रहस्य जानने की हर कोई कोशिश करता है। यह महल आज भी अपने अंदर कई सारे इतिहास को समेटे हुए है। छतरपुर से 15 किलोमीटर दूर बसे महाराज छत्रसाल की कर्मभूमि डूबेला में आज भी यह प्राचीन शीतल गढ़ी बनी हुई है, जो पहाड़ों पर बनाई गई थी।

दूर से आते हैं पर्यटक

दो मंजिला यह इमारत वर्तमान में खंडहर में तब्दील होती जा रही है। हालांकि, फिर भी इसकी खूबसूरती को निहारने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते हैं। यहां भीषण गर्मी पड़ती थी, तो इस घड़ी में ठंडक रहती थी। यहां कई गुप्त कमरे बने हुए हैं, जिनमें रानियां आराम किया करती थीं। वहीं, सुरंगों का इस्तेमाल हथियार लाने और ले जाने के लिए किया जाता था। यह स्मारक बुंदेली कलाकारों का आज भी एक उदाहरण बना हुआ है।

आप भी जाएं घूमने

इस गढ़ी के पास प्राणनाथ जी का एक मंदिर है। बगल में बादल महल भी बना हुआ है, जहां एक समय काफी अंधेरा रहा करता था, लेकिन आज हमेशा उजाला रहता है। यदि आपको कभी मौका मिले तो आप भी यहां जा सकते हैं, जो कि अपने आप में एक मिसाल है।