बता दें कि कोरोना वायरस (Corona virus) के चलते करीब 10 महीने से बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के दरबार में लोगों के प्रवेश पर रोक लगी हुई थी। जिसे अब हटाने के संदर्भ में विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसी को लेकर उज्जैन कलेक्टर (Ujjain Collector) ने कहा है कि जल्द ही श्रद्धालुओं को भस्मारती में प्रवेश देने के संदर्भ में निर्णय लिया जाएगा। इस दौरान कलेक्टर आशीष सिंह (Ujjain Collector) ने किसी भी प्रकार से तिथि को लेकर जानकारी नहीं दी है। फिलहाल अभी संभावनाएं ही जताई जा रही है, कि जल्द ही भक्तों को बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के दरबार में प्रवेश मिलेगी।
वर्षों से चली आ रही भस्मारती की परंपरा
सभी जानते है कि बाबा महाकाल मंदिर (Baba Mahakal Temple) में भस्मारती (Bhasma Aarti) को कभी भी बंद नहीं किया गया है। जहां सालों से मंदिर के पुजारी द्वारा सुबह 4 बजे भस्मारती (Bhasma Aarti) की जाती है। इसी परंपरा को बनाए रखते हुए कोरोना काल में भी पुजारी द्वारा सुबह 4 बजे बाबा महाकालेश्व की भस्मारती (Bhasma Aarti of Baba Mahakaleshwa) की जाती है।
महाकालेश्वर मंदिर में प्रवेश पर लंबे समय से उठ रही मांग
कोरोनाकाल में लंबे समय से बंद चल रहे सिनेमा घरों को भी पूर्णरूप से खोलने की अनुमति मिल चुकी है। ऐसे में श्रद्धालुओं को द्वारा लगातार मांग की जा रही थी, कि जल्द से जल्द बाबा महाकालेश्वर मंदिर (Baba Mahakaleshwar Temple) में प्रवेश पर लगी रोक को हटा दिया जाए। इसी के साथ मंदिर परिसर (Baba Mahakaleshwar Temple) में अपना दुकान लगाकर जीवन यापन करने वाले विक्रेताओं पर भी आर्थिक संकट आ गया है। ऐसे में उन्हें भी मंदिर खुलने का इंतजार है।
प्रबंध समिति की बैठक में लिया जाएगा निर्णय
बता दें कि सोमवार को प्रबंध समिति की बैठक होने वाली है। जिसमें इन मांगों को लेकर विचार किया जाएगा। कलेक्टर के दिए संकेत के अनुसार, अनुमान लगाया जा रहा है कि जल्द ही बाबा महाकाल के दरबार में भस्मारती में भक्तों को प्रवेश मिल जाएगा। फिलहाल अभी इसे लेकर संशय बना हुआ है, जिसका निर्णय प्रबंध समिति की बैठक द्वारा लिया जाएगा। अब तक एक दिन में सिर्फ 1700 श्रद्धालुओं बाबा महाकाल के मंदिर (Baba Mahakaleshwar Temple) में प्रवेश मिलता था। जिसके लिए पहले से ही अनुमति लेनी होती है।