दिग्विजय के पत्र पर कृषि मंत्री का पलटवार, बोले- घडिय़ाली आंसू बहा रहे मिस्टर बंटाधार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में विधानसभा उपचुनाव I(assembly by-election) के बीच पूर्व सीएम और कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह (digvijay singh) ने एक बार फिर किसानों का मुद्दा उठाते हुए यूरिया और डीएपी खाद उपलब्ध कराने और कालाबाजारी रोकने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज (cm shivraj)को पत्र लिखा है। दिग्विजय के इस पत्र पर पलटवार करते हुए प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल (kamal patel) ने उन्हें पत्र लिखकर जवाब दिया है। साथ ही दिग्विजय सिंह को मिस्टर बंटाधार संबोधित करते हुए कृषि मंत्री ने तंज कसते हुए कहा है कि आपका पत्र पढक़र ऐसा महसूस हो रहा है कि जैसे ‘नौ सौ चूहे खाकर दिल्ली हज को चली’। जिस व्यक्ति ने स्वयं मुख्यमंत्री रहते हुए पूरे प्रदेश का बंटाधार कर दिया है। वही मिस्टर बंटाधार अब किसानों की समस्याओं का झूठा रोना रोकर उनके लिए घडिय़ाली आंसू बहाने का नाटक कर रहे हैं।

दिग्विजय सिंह को लिखे अपने पत्र में कृषि मंत्री कमल पटेल ने कहा है कि आपके पत्र में क्योंकि किसानों से जुड़े विषयों की चर्चा की गई है। इसलिए मुझे लगता है कि प्रदेश के कृषि मंत्री होने के नाते आपको सही और तथ्यात्मक जानकारियों से अवगत करा देना चाहिए। भारत सरकार द्वारा रबी 2020- 21 के लिए पिछले वर्ष वितरित किए गए यूरिया की तुलना में 4.12 लाख मैट्रिक टन यूरिया का अबंटन अधिक किया गया है। रबी 2019-20 में 17.88 लाख मैट्रिक टन यूरिया वितरित किया गया था। जबकि इस वर्ष 22 लाख मैट्रिक टन का आबंटन भारत सरकार द्वारा दिया गया है। आपको यह भी जानना चाहिए कि 1 अक्टूबर से 21 अक्टूबर तक 3.60 लाख मैट्रिक टन यूरिया टांजिस्ट सहित प्राप्त हो गया है। जबकि पिछले वर्षे इसी अवधि में मात्र 2.07 लाख मैट्रिक टन यूरिया प्राप्त हुआ था। इसी प्रकार अक्टूबर माह के लिए भारत सरकार ने 5.02 लाख मैट्रिक टन का आबंटन किया है। जबकि पिछले वर्ष अक्टूबर 2019 में 2.89 लाख मैट्रिक टन यूरिया ही प्राप्त हुआ था। जिस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष अक्टूबर महा के लिए हमें 2.13 लाख मैट्रिक टन अधिक आतंटन किया गया है। यदि डीएपी के मामले में देखें तो वर्तमान में 3.34 लाख मैट्रिक टन की उपलब्धता है तथा 1 अक्टूबर से अभी तक 0.84 लाख मैट्रिक टन डीएपी का वितरण किया गया है जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में मात्र 0.46 लाख मैट्रिक टन डीएपी वितरित किया गया था। इस प्रकार पिछले वर्ष की तुलना में इसी अवधि में डीएपी वितरण लगभग 2 गुना पहुंच रहा है।


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Neha Pandey