धरने के बीच आई कृषि कानूनों पर रोक की खबर, झूम उठे कांग्रेसी, विधायक ने कही ये बड़ी बात

ग्वालियर, अतुल सक्सेना। कृषि कानूनों (Agriculture Bill) को वापस (Withdraw) लेने की मांग को लेकर डेढ़ महीने से अधिक समय से आंदोलन कर रहे किसानों (Farmers) के समर्थन में कांग्रेस (Congress) भी लगातार आंदोलन कर रही है। ग्वालियर में कांग्रेस (gwalior Congress) लगातार धरने प्रदर्शन (Protest) कर रही है। आज भी पार्टी ने धरना दिया लेकिन आज के धरने की खास बात ये रही कि धरने के दौरान ही सुप्रीम कोर्ट द्वारा कृषि कानूनों पर रोक लगाने की खबर आई तो पूरी कांग्रेस खुशी से झूम उठी।

कांग्रेस ग्वालियर में अलग अलग विधानसभा क्षेत्रों में धरना दे रहे हैं। आज का धरना ग्वालियर दक्षिण विधानसभा के हेमू कालानी चौक पर था। धरने का आयोजन क्षेत्रीय विधायक प्रवीण पाठक के नेतृत्व में किया गया था। धरने में जिला अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा, ग्वालियर पूर्व विधानसभा के विधायक डॉ सतीश सिंह सिकरवार, पूर्व सांसद राम सेवक सिंह बाबूजी सहित, कार्य कारी जिला अध्यक्ष, दक्षिण विधानसभा के सभी ब्लॉक और मंडलम अध्यक्ष सहित बड़ी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे।

धरने को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय विधायक प्रवीण पाठक ने कहा कि मोदी सरकार ने काले कानून लादकर किसानों की कमर तोड़ने और पूंजीपतियों की जेब भरने का इंतजाम किया है। लेकिन किसानों के साथ कांग्रेस इन कानूनों को लागू नहीं होने देगी। विधायक पाठक जब भाषण दे रहे थे तभी खबर आई कि सुप्रीम कोर्ट ने तीनो कृषि कानूनों पर रोक लगा दी है। विधायक पाठक ने माइक पर जैसे ही ये खबर कांग्रेस नेताओं को सुनाई सब खुशी से झूम उठे। उन्होंने कहा कि आप सबके कदम जैसे ही दक्षिण विधानसभा में पड़े ईश्वर ने हमारी बात सुन ली और कोर्ट ने किसानों के पक्ष में ये फैसला ले लिया। उन्होंने कहा कि कांग्रेस हमेशा से किसानों, दलितों शोषितों की आवाज बनती आई है और आगे भी बनती रहेगी।


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Gaurav Sharma

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है। इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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