इंदौर, आकाश धोलपुरे। 10 दिनी डेंगू व मलेरिया अभियान के पहले ही दिन इंदौर में पूर्व मंत्री और अधिकारी का एक बड़ा विवाद सामने आया है। हालांकि विवाद का पटाक्षेप उस वक्त हो गया जब मामले में शिकायत करने वाले अधिकारी ने कोई शिकायत न करने का आवेदन थाने पर दे दिया।
दरअसल, डेंगू, मलेरिया और वायरल के बढ़ते प्रकोप के चलते आज से 10 दिवसीय डेंगू – मलेरिया उन्मूलन अभियान (Dengue Malaria Campaign) का आगाज किया गया है। इस अभियान की खास बात ये है कि इसमें जनप्रतिनिधियों की भी प्रत्यक्ष भूमिका एक खास जिम्मेदारी के तहत रखी गई। लेकिन इसी बात को लेकर शहर के पश्चिमी क्षेत्र के राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में बड़ा विवाद खड़ा हो गया।
जानकारी के मुताबिक नगर निगम (Municipal Corporation Indore) का दल आज सुबह से ही राजेंद्र नगर थाना क्षेत्र में दवाइयों के छिड़काव के साथ लोगों को बचाव के तरीके बता रहा था। क्षेत्र में निगम के दल का नेतृत्व ज़ू प्रभारी डॉ. उत्तम यादव कर रहे थे। बताया जा रहा है कि दुर्गा नगर में निगम कर्मचारियों द्वारा किये जा रहे छिड़काव के दौरान राउ से कांग्रेस विधायक और पूर्व मंत्री जीतू पटवारी का विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि आखिरकार मौके पर निगम के स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. उत्तम यादव को पहुंचना पड़ा। बावजूद निगम अधिकारी और कर्मचारियों के साथ दुर्व्यवहार, बदतमीजी और गाली गलौज की बात सामने आई है। आरोप ये है कि ये सबकुछ पूर्व मंत्री जीतू पटवारी (Jitu Patwari) ने किया है।
डॉ. उत्तम यादव ने बताया कि दुर्गा नगर में निगम की टीम के साथ मौजूद थे तब ही जीतू पटवारी अपने नियत स्थान पालदा को छोड़कर दुर्गा नगर आ गए और दवा छिड़काव के दौरान उन्होंने कर्मचारियों और उनके साथ दुर्व्यवहार कर गाली गलौज की। विधायक के व्यवहार को निंदनीय बताने के बाद मौके से निगम कर्मचारियों के साथ डॉ. उत्तम यादव सीधे इस पूरे मामले की शिकायत लेकर राजेंद्र नगर थाना पहुंच गए। जहां निगम कर्मचारियों के अलावा विधायक समर्थक भी पहुंच गए। इसके बाद जो कुछ हुआ वो सबकुछ विवाद के नाटकीय अंत की ओर इंगित करने के लिए काफी है।
थाने पर विधायक की शिकायत करने पहुंचे निगम अधिकारी डॉ. उत्तम यादव आज सुबह हुए विवाद की शिकायत न करने का आवेदन देकर थाने से निकल गए। इसके बाद उन्होंने मीडिया से भी कोई बात नहीं की। वहीं इस पूरे मामले के सीएसपी बीपीएस परिहार ने कहा कि निगम अधिकारी थाने पहुंचे थे और उनसे कहा गया कि जो भी आपके साथ हुआ है उसकी लिखित शिकायत करे ताकि विधि संवत कार्रवाई की जा सके लेकिन वो कोई भी कार्रवाई न करने की बात आवेदन में लिखकर वापस चले गए।
इधर, इस पूरे मामले में पूर्व मंत्री और विधायक जीतू पटवारी ने क्षेत्र में जमा पानी से भरे चैंबर को दिखाते हुए कहा कि निगम अपना काम ईमानदारी से करे और डेंगू उन्मूलन कार्यक्रम में किसी भी प्रकार नेतागिरी न आने दे। जीतू पटवारी का कहना है कि डेंगू का प्रकोप बढ़ता जा रहा है जिससे बचने के उपाय के बजाए नगर निगम के कर्मचारी राजनीति चमकाने में लगे हुए है, इस प्रकोप से बचने हेतु उचित समाधान करें ना की राजनीति करे वही नगर निगम आयुक्त को सतर्क करते हुवा कहा की निगम के कर्मचारियों को हिदायत दो नेतागिरी की एक सीमा होती है अगर इससे बाहर जाकर करेंगे तो इसका भुगतान भी आपको करना पड़ेगा।
फिलहाल, इस पूरे विवाद का फिलहाल अंत हो गया है लेकिन इस मामले को लेकर अब कई तरह के सवाल उठने लगे है क्योंकि मामला जनस्वास्थ्य से जुड़ा है।
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Atul Saxena
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पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....