मंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद तुलसीराम सिलावट को जल संसाधन विभाग तो वहीं गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन व राजस्व विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही विभाग उन्हें कांग्रेस की कमलनाथ की सरकार में भी आबंटित की गई थी। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट को जल संसाधन विभाग और गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन-राजस्व विभाग मिलेगा।
एक बार फिर मिले वही विभाग
बता दें कि कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को विभागों की जिम्मेदारी सौंपने को लेकर राज्यसभा सांसद सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह राजपूत के बीच सहमति हुई थी, जिसके बाद ही उन्हें फिर से पहले वाले विभाग की ही जिम्मेदारी दी गई है।
मंत्री पद की ली शपथ
सिंधिया समर्थक सुरखी विधायक गोविंद सिंह राजपूत और सांवेर विधायक तुलसीराम सिलावट शिवराज कैबिनेट में एक बार फिर से मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। दोनों ही विधायकों ने चुनाव से पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि तुलसीराम सिलावट ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पार्षद पद से की थी, जो अभी तक 5 बार विधायक रह चुके हैं।
तुलसीराम सिलावट का राजनीतिक सफर
- 1977 से 1979 तक तुलसी सिलावट शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय इंदौर में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे।
- 1979 से 1981 में उन्होंने एक बार से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के छात्र संघ के अध्यक्ष की कमान संभाली।
- वहीं 1982 में नगर निगम इंदौर के पार्षद में बने।
- 8वीं विधानसभा 1985 में पहली बार तुलसी सिलावट विधायक बने, और कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में संसदीय सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली।
- 1995 में नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने।
- इसके अलावा वर्ष 1998 से 2003 में मध्य प्रदेश के ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष बने।
- उपचुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर सिलावट को 2007 में टिकट दिया। जहां से सिलावट की जीत हुई थी। ॉ
- वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चौथीं बार सांवेर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की।
- लेकिन सिंधिया समर्थक विधायकों के साथ 10 मार्च 2020 को उन्होंने इस्तीफा देकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
- सिलावट उपचुनाव में सांवेर से जीत दर्ज कर एक बार से विधायक बन गए है। और मंत्रिमंडल में शामिल हो गए है।
गोविंद सिंह राजपूत का राजनीतिक सफर