सिंधिया समर्थक तुलसी सिलावट और गोविन्द सिंह राजपूत को सौंपी गई पुराने विभाग की जिम्मेदारी

Gaurav Sharma
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। लंबे समय के बाद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार (Cabinet expansion) कर लिया है। रविवार को उन्होंने शपथ ग्रहण समारोह (Oath taking ceremony) का आयोजन किया, जिसमें राज्यपाल आनंदीबेन पटेल (Governor Anandiben Patel) ने सिंधिया समर्थक विधायक (Scindia supporter MLA) तुलसीराम सिलावट (Tulsiram Silvassa) और गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajput) को मंत्री पद की शपथ दिलाई। वहीं अब सभी मंत्रियों को विभाग की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। जिसमें कमलनाथ की सरकार में मंत्री रहे सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को वहीं जिम्मेदारी सौंपी गई है, जो उन्हें पहले मिली थी।

सिलावट को मिले जल संसाधन तो राजपूत को परिवहन व राजस्व विभाग

मंत्री पद की शपथ ग्रहण करने के बाद तुलसीराम सिलावट को जल संसाधन विभाग तो वहीं गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन व राजस्व विभाग की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यही विभाग उन्हें कांग्रेस की कमलनाथ की सरकार में भी आबंटित की गई थी। मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद से ही कयास लगाए जा रहे थे कि सिंधिया समर्थक तुलसीराम सिलावट को जल संसाधन विभाग और गोविंद सिंह राजपूत को परिवहन-राजस्व विभाग मिलेगा।

एक बार फिर मिले वही विभाग

बता दें कि कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी में शामिल हुए तुलसीराम सिलावट और गोविंद सिंह राजपूत को विभागों की जिम्मेदारी सौंपने को लेकर राज्यसभा सांसद सिंधिया और सीएम शिवराज सिंह राजपूत के बीच सहमति हुई थी, जिसके बाद ही उन्हें फिर से पहले वाले विभाग की ही जिम्मेदारी दी गई है।

मंत्री पद की ली शपथ

सिंधिया समर्थक सुरखी विधायक गोविंद सिंह राजपूत और सांवेर विधायक तुलसीराम सिलावट शिवराज कैबिनेट में एक बार फिर से मंत्री पद की शपथ ले चुके हैं। दोनों ही विधायकों ने चुनाव से पहले ही मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। बता दें कि तुलसीराम सिलावट ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत पार्षद पद से की थी, जो अभी तक 5 बार विधायक रह चुके हैं।

तुलसीराम सिलावट का राजनीतिक सफर

  • 1977 से 1979 तक तुलसी सिलावट शासकीय कला एवं वाणिज्य महाविद्यालय इंदौर में छात्र संघ के अध्यक्ष रहे।
  • 1979 से 1981 में उन्होंने एक बार से देवी अहिल्या विश्वविद्यालय इंदौर के छात्र संघ के अध्यक्ष की कमान संभाली।
  • वहीं 1982 में नगर निगम इंदौर के पार्षद में बने।
  • 8वीं विधानसभा 1985 में पहली बार तुलसी सिलावट विधायक बने, और कांग्रेस पार्टी के सदस्य के रूप में संसदीय सचिव पद की जिम्मेदारी संभाली।
  • 1995 में नेहरू युवा केंद्र के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बने।
  • इसके अलावा वर्ष 1998 से 2003 में मध्य प्रदेश के ऊर्जा विकास निगम के अध्यक्ष बने।
  • उपचुनाव में कांग्रेस ने एक बार फिर सिलावट को 2007 में टिकट दिया। जहां से सिलावट की जीत हुई थी। ॉ
  • वहीं 2018 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने चौथीं बार सांवेर विधानसभा सीट से जीत दर्ज की।
  • लेकिन सिंधिया समर्थक विधायकों के साथ 10 मार्च 2020 को उन्होंने इस्तीफा देकर बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।
  • सिलावट उपचुनाव में सांवेर से जीत दर्ज कर एक बार से विधायक बन गए है। और मंत्रिमंडल में शामिल हो गए है।

गोविंद सिंह राजपूत का राजनीतिक सफर

  • सिंधिया समर्थक गोविंद सिंह राजपूत ने अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस ने की थी। इस दौरान वे युवा कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य बने।
  • गोविंद सिंह राजपूत को 2002 में मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी का महासचिव बनाया गया था।
  • सन् 2003 में सुरखी विधानसभा से 12वीं विधानसभा के सदस्य बने। वहीं कांग्रेस पार्टी विधायक दल के सचेतक और प्राक्कलन, याचिका और सरकारी उपक्रम के सदस्य भी रहे।
  • साल 2018 में सुरखी विधानसभा क्षेत्र से गोविंद सिंह तीसरी बार विधायक बने।
  • 10 मार्च 2020 को गोविंद सिंह राजपूत ने भी सिंधिया के साथ कांग्रेस छोड़ बीजेपी की सदस्यता ग्रहण कर ली।सुरखी उपचुनाव में चौथी बार विधायक बने। जिसके बाद 3 जनवरी 2021 को उन्हें शिवराज कैबिनेट में शामिल कर लिया गया है।

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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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