भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। त्यौहार के मौसम (Festival season) में प्याज (onion) की बढ़ती कीमत रसोई का जायका बिगाडऩे के साथ ही आम आदमी की जेब पर भी भारी पड़ रही है। जमाखोरी और कालाबाजारी से बढ़े प्याज के दाम पर अंकुश लगाने के लिए केन्द्र सरकार ने स्टॉक लिमिट तय की थी। अब केन्द्र सरकार की तर्ज पर ही राज्य सरकार ने भी स्टाक लिमिट तय कर दी है। अब कोई भी व्यापारी तय सीमा से ज्यादा प्याज को जमा नहीं कर सकेगा। सरकार का यह आदेश 31 दिसंबर 2020 तक प्रभावी रहेगा।
दरअसल अकेले राजधानी में रोजाना प्याज की आवक करीब 180 मीट्रिक टन है। यहां 110 मीट्रिक टन प्याज नासिक (Nashik) से आ रही है, जबकि बाकी प्याज प्रदेश के ही अलग अलग जिलों से आ रही है। इन दिनों प्याज के बढ़ते दामों के कारण जमाखोरी और कालाबाजारी जोरों से चल रही है। ऐसे में आम जनता को राहत पहुंचाते हुए प्रदेश सरकार ने प्याज की स्टॉक सीमा तय कर दी है। अब थोक व्यापारी 250 क्विंटल और फुटकर व्यापारी 20 क्विंटल तक ही प्याज का स्टॉक रख सकेंगे। जिससे प्याज की कीमतों पर लगाम लगने की संभावना है। व्यापारियों को स्टॉक लिमिट तय होने के बाद अब व्यापारी प्याज बेचने से इंकार नहीं कर पाऐेंगे। हालांकि ये लिमिट प्याज की खेती करने वाले किसानों पर लागू नहीं होगी।
व्यापारियों को देना होगा स्टॉक का ब्यौरा
प्याज व्यापारियों को रजिस्टर में हर दिन के स्टाक का ब्यौरा रखना होगा। व्यापारियों को स्टाक का पाक्षिक रिटर्न सरकार को देना होगा और यह बताना होगा कि उसके पास अब तक कितना प्याज आया, कितना बेचा जा चुका है और कितना अभी स्टॉक में उपलब्ध है। जांच के दौरान में स्टॉक में किसी भी तरह की गड़बड़ी मिलने पर उस पर तुरंत कार्यवाई की जाएगी। गौरतलब है कि कुछ दिनों पहले प्याज 80रुपए किलो पहुंच गया था। अब भी यह 40 से 60 रुपए किलो बिक रहा है। बता दें कि इससे पहले देशभर में प्याज की बढ़ती कीमतों को देखते हुए केन्द्र सरकार ने 23 अक्टूबर को प्याज की स्टॉक सीमा तय की थी।