भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश (MP) में एक से बढ़कर एक घूमने-फिरने वाली जगहें है। यहां आने वाले पर्यटक निराश होकर कभी नहीं लौटते। राजधानी भोपाल की बात हो या फिर हिल स्टेशन पचमढ़ी की… सतना के मैहर माता मंदिर की बात हो या फिर भेड़ाघाट के झील की… यहां भी सौंदर्य, संस्कृति, परंपरा, रहन-सहन और खान-पान लोगों को काफी ज्यादा आकर्षित करती है। यहां पर राजनीति सक्रियता भी सबसे अधिक है।
ऐसे में जल्द ही राज्य को उसका पहला सिटी म्यूजियम मिलने वाला है, जो कि मध्य प्रदेश के लिए गर्व का विषय है। इसलिए लोग अपने अतीत से जुड़ सकते हैं।

प्रदेश का पहला आधुनिक सिटी म्यूजियम
दरअसल, राजधानी भोपाल में जल्द ही प्रदेश का पहला आधुनिक सिटी म्यूजियम बनाया जाएगा, जो कि ऐतिहासिक मोती महल की एक विंग में तैयार किया जा रहा है। इसके निर्माण के लिए 20 करोड रुपए की लागत खर्च की जाएगी। इसका उद्देश्य ऐतिहासिक धरोहर को संरक्षित करना है। इस म्यूजियम से पूरे मध्य प्रदेश की ऐतिहासिक सांस्कृतिक और भौगोलिक विविधताओं को दर्शाया जाएगा। मीडिया सूत्रों के अनुसार, इसे आम लोगों के लिए खोला जाएगा, ताकि वह एमपी की धरोहर से अच्छी तरह से रुबरु हो सके।
178 साल पुराना है महल
बता दें कि जिस जगह म्यूजियम बनाया जा रहा है, वह महल करीब 178 साल पुराना है, जिसे भोपाल की पहली महिला शासक कुदसिया बेगम की बेटी सिकंदर बेगम ने बनवाया था। इस धरोहर को देखने के लिए पर्यटक दूर-दराज से आज भी पहुंचते हैं। इसकी बनावट और सुंदरता लोगों का मन मोह लेती है। इसी महल के एक हिस्से में संग्रहालय बनाया जा रहा है, जिसमें राजा भोज के जीवन, पराक्रम, शिक्षा और जनकल्याण कार्यों को दर्शाया जाएगा। इसके अलावा, मध्य भारत की पुरातात्विक खोज, प्राचीन मूर्ति, मंदिरों के अवशेष भी रखे जाएंगे।