शाजापुर,डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में आए दिन चोरी और लूट की घटनाएं इतनी सामने आती है कि अब ये घटनाएं आम बात हो गई है। प्रदेश के शाजापुर (shajapur) से चोरी की घटना का एक ऐसा अजब गजब मामला सामने आया है जहां चोर (thief) चोरी करते वक्त सो (slept) गया। वहीं जब सूचना मिलने पर सुबह पुलिस (Police) उसे पकड़ने पहुंची और उसने युवक को उठाया तो चोर ने पुलिस से कहा कि मुझे अभी सोने दो, बहुत ठंड लग रही है।
दरअसल शाजापुर के माता मंदिर (Mata Temple) में रविवार रात एक चोर चोरी की नियत से मंदिर में घुस गया, जहां उसके द्वारा त्रिशूल की मदद से मंदिर के पास ही बने एक कमरे (Room) को खोल दिया गया। चोर ने कमरे में रखा सारा सामान समेट लिया और भागने के लिए वो पूरी तरह से तैयार ही था कि इसी बीच चोर की नजर पास में पड़े पलंग (bed) पर पड़ी, तो चोर थोड़ी देर के लिए लेट गया और उसकी नींद (slept) लग गई।
जब सुबह मंदिर के सेवादार पहुंचे तो उन्होंने कमरा खुला पाया, जिसके बाद उन्होंने बिना देरी किए पुलिस को चोरी की सूचना दी। जिसके बाद पुलिस तुंरत मौके पर पहुंची, जहां उसे चोर सोता हुआ मिला, चोर को जगाने पर पुलिस से चोर ने नींद में कहा कि मुझे ठंड लग रही है, मुझे और सोने दो। पुलिस तुरंत चोर को गिरफ्तार कर थाने ले आई। पूछताछ करने पर यह बात सामने आई कि युवक मानसिक तौर पर विक्षिप्त था। वो अपना नाम तक नहीं बता पा रहा था, जिसके चलते पुलिस उसकी शिनाख्त नहीं कर पाई। पुलिस ने तर्क देते हुए मंदिर में हुई चोरी की घटना से अपना पल्ला झाड़ लिया और कहा कि वहां कोई ऐसी वारदात नहीं हुई है। शायद ठंड से बचने के लिए युवक मंदिर के पास बने कमरे में सो गया।
बता दें कि पंडित मंदिर पर चोला चढ़ाने गए तो उन्हें मंदिर अस्त-व्यस्त दिखा, साथ ही परिसर में लगा त्रिशूल भी निकला पड़ा हुआ था। वहीं पास में बने कमरे की खिड़की और दरवाजा अंदर से बंद थे । जिसको देखकर पंडित ने तुरंत पुलिस को बुलाया उसके आने के बाद कमरा खोला गया तो वहां युवक सोता पाया गया।
वही मंदिर में चोरी की वारदात को अंजाम देने वाले चोर के सो जाने वाली इस घटना को मंदिर के सेवादार माता रानी का चमत्कार बता रहे है। मंदिर के सेवादार मनोज का कहना है कि इससे पहले भी चोरी की वारदात हुई थी जिसमें चोरी की गई तलवार और बाकी के सामान चोर दो से 3 दिन बाद वापस रख गए थे। इस बार भी चोरी की नियत से आए बदमाश माता के चमत्कार के चलते सो गया और वह कुछ भी बोलने की स्थिति में नहीं है।
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Gaurav Sharma
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इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।