रतलाम, मनोज श्रीवास्तव। रतलाम जिले में सोयाबीन की बुवाई के बाद मानसून की बेरुखी से परेशान ग्रामीणों ने अब टोटकों का सहारा लेना शुरू कर दिया है। रतलाम के धराड़ गांव में बारिश के लिए ग्रामीणों ने गांव के मुखिया को गधे पर बैठाकर घुमाया है। ग्रामीण क्षेत्रों में मान्यता है कि बारिश नहीं होने पर इंद्र देव को प्रसन्न करने के लिए गांव के मुखिया द्वारा गधे की सवारी कर देवी देवताओं का पूजन करने से अच्छी बारिश होती है।
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दरअसल, रतलाम जिले में मानसून की शुरुआत के बाद किसानों ने सोयाबीन की बुवाई कर दी थी। लेकिन बीते 10 दिनों से बारिश नहीं होने की वजह से अब किसानों की फसलें मुरझाने लगी हैं। जिसके लिए किसान अब तरह-तरह के टोटके कर रूठे इंद्रदेव को मनाने में लग गए हैं।
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रतलाम के धराड़ गांव के लोगों ने भी आज अजीबोगरीब टोटके से इंद्र देव को प्रसन्न करने का प्रयास किया है। यहां गांव के उपसरपंच मनोज राठौड़ को गधे की सवारी करवाई गई। यह सवारी ढोल धमाके के साथ निकली। इसके बाद गांव के लोगों ने देवी देवताओं की पूजा-अर्चना कर अच्छी बारिश की प्रार्थना की। यह सवारी पूरे गाँव में घूमकर गांव के श्मशान पहुंची जहां एक प्रतीकात्मक टापरी बनाई गई। इस टापरी के चारों ओर फिर गधे पर उपसरपंच को बिठा कर घुमाया गया।
गधे की सवारी की शोभायात्रा निकालने वाले ग्रामीणों ने बताया की पुराने दौर में बारिश नहीं होने पर रूठे इंद्रदेव को मनाने के लिए गांव के राजा गधे पर बैठकर सवारी करते थे और देवी देवताओं की पूजा कर बारिश के लिए प्रार्थना करते थे। वर्तमान के दौर में गांव के सरपंच और उपसरपंच ही गांव के मुखिया होते हैं। इसलिए इंद्रदेव को मनाने के लिए गधे की सवारी निकाली जा रही है। गांव वालों की आस्था है कि इस तरह का टोटका करने से रूठे इंद्रदेव अच्छी बरसात करेंगे। बहरहाल लंबे समय से बारिश ना होने से परेशान किसान अपनी मुरझाई फसलों को देख तरह-तरह के अजीबोगरीब टोटके करने को मजबूर है। ग्रामीणों को उम्मीद है कि जल्द ही अच्छी बरसात होगी जिससे उनकी मुरझाती फसलों को राहत मिल सकेगी।