MP के इस बड़े अधिकारी ने स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेकर चौंकाया, करेंगे समाजसेवा

Atul Saxena
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जबलपुर, संदीप कुमार। करीब 33 साल तक जेल विभाग में अलग-अलग पदों पर नियुक्त रहे वरिष्ठ जेल अधीक्षक (Jail Superintendent ) ने स्वेच्छा से सेवानिवृत्ति ले ली है। जबलपुर के नेताजी सुभाष चंद्र बोस केंद्रीय जेल में पदस्थ गोपाल ताम्रकार ने अपना इस्तीफा गृह विभाग (Home Department )और जेल महानिदेशक DG Jail) को भेजा है। जेल डीआईजी (Jail DIG) को रिटायर होने में अभी 10 माह का समय बचा था पर उससे पहले ही उन्होंने अपना इस्तीफा देकर सभी को चौंका दिया है।

इस्तीफा देने के बाद अधिकारियों से मिलने गए हैं मुख्यालय

केंद्रीय जेल जबलपुर में पदस्थ जेल अधीक्षक व डीआईजी गोपाल ताम्रकार ने अपना इस्तीफा सौंपने के बाद जेल महानिदेशक और गृह विभाग के अधिकारियों से मिलने के लिए भोपाल रवाना हो गए हैं। माना जा रहा है कि एक-दो दिन में उनका इस्तीफा मंजूर हो सकता है। जेल डीआईजी ने अपने इस्तीफा को लेकर बताया कि वह आगे भी समाज के हित में काम करते रहेंगे।

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उत्कृष्ट सेवा के लिए मिल चुका है राष्ट्रपति पदक

गोपाल ताम्रकार वर्ष 1989 में बतौर जेल अधीक्षक तैनात हुए थे 35 साल की सेवा में उन्हें एक बार राष्ट्रपति पदक और हाल ही में उत्कृष्ट सेवाओं के लिए दोबारा राष्ट्रपति पदक प्रदान किया गया, ताम्रकार प्रदेश भर में एकमात्र ऐसे अधिकारी हैं जिन्हें वर्ष 1999 में भारत सरकार ने प्रशिक्षण के लिए लंदन भेजा था, वहां से लौटने के बाद उन्होंने बहुत से ऐसे जिलों में कार्य किए जिन्हें कि देश के विभिन्न जेलों ने अपनाया,इग्नो का निशुल्क अध्ययन केंद्र भी उनके रहते जबलपुर सेंट्रल जेल में खोला गया।

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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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