भारत का दिल कहे जाने वाले मध्य प्रदेश (MP) में घूमने के साथ-साथ स्वाद का तड़का भी लगाया जा सकता है। यहां पूरी साल पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है। घूमने के लिए एक से बढ़कर एक स्थान है, जो पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करती है। ऐसे में आज हम आपको एमपी का सबसे पुराने शहर के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसका इतिहास लगभग 5000 साल पुराना है।
वैसे पूरे भारत की बात करें तो शिव की नगरी काशी यानी वाराणसी को सबसे पुराना शहर माना जाता है, लेकिन मध्य प्रदेश का सबसे पुराना शहर उज्जैन (Ujjain) है, जो कि क्षिप्रा नदी के तट पर बसा हुआ है। इसका इतिहास 5000 साल से भी ज्यादा है। धीरे-धीरे यहां केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा शहर के विकास पर काफी अधिक ध्यान दिया है।

पौराणिक कथा
क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित या शहर महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए प्रसिद्ध है, जहां हर 12 साल में कुंभ मेला लगता। इसका उल्लेख प्राचीन ग्रंथ और पुराणों में मिलता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यहां भगवान शिव ने त्रिपुरा का वध किया था। प्राचीन समय में यह शहर शिक्षा और खगोल शास्त्र का प्रमुख केंद्र था। यहां काल भैरव मंदिर, हरसिद्धि माता मंदिर, गढ़कालिका मंदिर और चिंतामण गणेश मंदिर सहित रामघाट जैसे कई प्राचीन धार्मिक स्थल है।
अर्थव्यवस्था को मजबूती
महाशिवरात्रि, नाग पंचमी, होली, रंग पंचमी, गंगा दशहरा सहित दिवाली जैसे प्रमुख त्यौहारों में यहां लाखों की संख्या में श्रद्धालु पहुंचते हैं और महादेव की पूजा अर्चना करती है। पर्यटकों के आने से स्थानीय व्यवसाय और अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है। यदि आपको मौका मिले, तो आप भी जीवन में एक बार जरूर उज्जैन घूमने जाएं।