खरगोन, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के खरगोन जिले में रहने वाले वीरसिंह को घर वापस देख उसके परिवार वाले आज बेहद खुश हैं। पिछले पांच महीने से लापता वीरसिंह आज अपने घर वापसा आ गया है। दरअसल खरगोन जिले के बेडिया थाना क्षेत्र के नलवट गांव में रहने वाला आदिवासी युवक वीरसिंह मानसिक रूप से विक्षिप्त है जो पांच माह पूर्व लगे लॉकडाउन में अचानक गांव से लापता हो गया था। जिसके बाद वो राजस्थान के श्रीगंगानगर जिले से होते हुए भारत की बॉर्डर पार कर पाकिस्तान जा पहुंचा।
ये भी पढ़ें- आरक्षण को लेकर मोदी सरकार का बड़ा फैसला, OBC-EWS के छात्रों को मिलेगा लाभ
पाकिस्तान आर्मी द्वारा 15 दिन की कड़ी निगरानी में पूछताछ और पूरी तरह से संतुष्टि करने के बाद वीरसिंह की मानसिक स्थिति को देखते हुए उसे 17 जुलाई को राजस्थान बॉर्डर पर बीएसएफ को सौंप दिया गया। मामले पर 19 जुलाई को राजस्थान पुलिस ने पकड़े गये वीरसिंह के परिवार से पूछताछ की थी। जिसके बाद 25 जुलाई को इलाके के सरपंच और वीर के छोटे भाई उन्हें लेने राजस्थान पहुंचे और आखिरकार आज वीर की घर वापसी हो गई।
ये भी पढ़ें- MP Board: 12वीं के रिजल्ट के बाद सामने आया मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा बयान
जानकारी के मुताबिक वीर सिंह उम्र 35 वर्ष दिमागी रूप से कमजोर है। वह भटकते हुए राजस्थान बॉर्डर से पाकिस्तान सीमा पर पहुंच गया था। मानसिक विक्षिप्त होने के कारण उसे जरा भी अंदाजा नहीं था कि वह घूमते हुए पाकिस्तान में प्रवेश कर गया। 24 अप्रैल को उसे पाक सेना ने पकड़ लिया। जिसके बाद उससे बारीकी से पूछताछ करने की कोशिश की तो सामने आया कि वह विक्षिप्त है। पाकिस्तान में कुछ दिन बिताने के बाद 17 जुलाई को आफिसर्स ने फ्लैग मीटिंग के दौरान वीर को बीएसएफ कमांडेंट परमवीर सिंह को राजस्थान सीमा पर सौंप दिया। वहीं वीरसिंह के परिवार वालों ने उसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। तभी राजस्थान पुलिस ने परिवार से संपर्क किया और वीर का आधार कार्ड और अन्य पहचान के दस्तावेज का वेरिफिकेशन कर उसके परिवार को सौंपने की बात कही। आज एसपी शैलेंद्र सिंह एवं पंचायत की मदद से सरपंच और छोटे भाई उसे राजस्थान से घर वापस लेकर लौटे हैं।