टीकमगढ़ – लॉ कॉलेज में धरना प्रदर्शन, प्रवेश सीटों को बढ़ाने की मांग

Gaurav Sharma
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ABVP protest in tikamgarh

टीकमगढ़,आमिर खान। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के कार्यकर्ताओं ने गुरुवार के दिन लॉ कॉलेज में धरना प्रदर्शन देकर सीटों के लिए वृद्धि को लेकर मांग की है। परिषद के कार्यकर्ताओं ने बताया कि पिछले कई वर्षों से छात्रों के अंदर विधि पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने का रुझान तेजी से बढ़ रहा है।

वहीं लेकिन शासकीय विधि महाविद्यालय टीकमगढ़ जो कि सागर संभाग का एकमात्र शासकीय विधि महाविद्यालय है। जिसमें प्रवेश सीट संख्या कम होने के कारण छात्र प्रवेश से वंचित हो रहें हैं। वर्तमान में महाविद्यालय में पर्याप्त स्थाई स्टाफ कार्यरत है एवं नए भवन का निर्माण भी लगभग पूर्ण हो गया है। लेकिन वर्तमान में महाविद्यालय में केवल 90 सीट संख्या है जो कि नियमानुसार भी दो सेक्शन की संख्या से कम है।

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने मांग की है कि पूरे सागर संभाग के एवं उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के संपूर्ण छात्रों को ध्यान में रखते हुए छात्र हितों में 90 सीटें बढ़ाकर तीन सेक्शन किए जाएं।परिषद के नगर मंत्री आशय वर्मा ने बताया है की विधि महाविद्यालय की नवीन बिल्डिंग का कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है एवं यहां पर विद्वानों की संख्या भी पर्याप्त है जिसको देखते हुए विधि महाविद्यालय में तत्काल रूप से प्रवेश सीटों में वृद्धि की जाए जिससे सभी छात्र छात्राएं इसका लाभ ले सके।

नगर छात्रा प्रमुख स्वीटी अरजरिया ने बताया है कि इस वर्ष पिछले वर्ष के मुकाबले विधि विषय को लेकर बच्चों में रुझान बहुत ही ज्यादा देखा जा रहा है जिसको देखते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद बार काउंसिल ऑफ इंडिया से यह मांग करती है की तत्काल रुप से महाविद्यालय में सीटों में वृद्धि की जाए जिससे ज्यादा से ज्यादा संख्या में छात्र-छात्राएं प्रवेश ले सकें। इस प्रदर्शन के दौरान नगर सहमंत्री प्रिंस राज द्विवेदी, पीयूष शर्मा,राजा चौधरी,रंजना कश्यप, आफरीन बानो, शिवम मिश्रा, अनुराग सोनी, आशु, हार्दिक जैन, विक्रमादित्य, आदि कार्यकर्ता उपस्थित रहे।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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