निवाड़ी, डेस्क रिपोर्ट। प्रदेश में फैल रहे कोरोना संक्रमण (Corona) से निपटने के लिए एक जिले के कलेक्टर ने अनोखा उपाय अपनाया है, जिसने लोगों की जान खतरे में डाल दिया है। साहब ने उन लोगों के घरों में तालाबंदी कर दी है जो कोरोना संक्रमित हैं।
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कोरोना संक्रमित, होम आइसोलेटेड
निवाड़ी जिले के कलेक्टर आशीष भार्गव ने एक तुगलकी फरमान जारी करते हुए होम आइसोलेट कोरोना संक्रमित मरीजों के घरों में ताले डलवा दिए हैं। कलेक्टर के अनुसार यह कदम इसलिए उठाया गया है ताकि पॉजिटिव मरीजों के परिजन बाहर ना निकले। उन्हें सख्त हिदायत दी गई है कि वे अपने घरों से ही अपना काम करें और जरूरत पड़ने पर वार्ड प्रभारी को मोबाइल नंबर पर सूचित करें। कलेक्टर के निर्देश पर सीएमओ, तहसीलदार और टीआई ने बुधवार को नगर पालिका परिषद के चार वार्डो में अधिक पॉजिटिव मरीज होने के कारण यह कार्रवाई की।
दरअसल ऐसे मरीज जो कोरोना प्रभावित तो हैं लेकिन इस कदर नहीं कि उन्हें अस्पताल में भर्ती किया जाए, ऐसे लोगों को होम आइसोलेट किया गया है। ऐसे क्षेत्रों में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाने के निर्देश मुख्यमंत्री ने दिए हैं। लेकिन कलेक्टर साहब ने तो लोगों के घरों में ही ताले डलवा दिए हैं। अब सवाल यह है कि आधी रात को यदि किसी के घर में किसी की तबीयत अचानक खराब हो जाए और उसे अस्पताल ले जाने की स्थिति बने और जिस वार्ड प्रभारी का नंबर दिया गया है अगर वह नंबर रिसीव ना करें तो मरीज तो बंद ताले के अंदर ही दम तोड़ देगा। इन 4 वार्डों मे 179 पॉजिटिव मरीज हैं। इन वार्डो की चारों गलियों को भी सील किया गया है, जहां से कोई भी व्यक्ति बाहर नहीं निकलेगा। सीएमओ का यह भी कहना है कि 22 पॉजिटिव मरीजों के घरों में इसलिए तालाबंदी की गई है क्योंकि उनके परिजन अनावश्यक रूप से बाहर निकलते थे, लेकिन चाहे जो हो यह तुगलकी फरमान समझ से परे है।