MP में सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम, ‘विजन जीरो मध्यप्रदेश’ व्यवस्था शुरू

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश में बुधवार से “विजन जीरो मध्यप्रदेश” व्यवस्था शुरू हो गई जो सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए एक सुरक्षित तंत्र प्रणाली पर आधारित व्यवस्था है। प्रदेश के परिवहन मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने ग्वालियर में व्यवस्था का शुभारंभ किया।

MP में सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम, 'विजन जीरो मध्यप्रदेश' व्यवस्था शुरू

मध्यप्रदेश में अब सड़क दुर्घटनाओं को न्यूनतम किया जा सकेगा। दरअसल प्रदेश में हर वर्ष हजारों की संख्या में सड़क दुर्घटनाएं होती हैं और इनमें हजारों की मौत भी हो जाती है। इसे रोकने के लिए परिवहन विभाग ने अब ‘विजन जीरो मध्यप्रदेश’ व्यवस्था शुरू की है जो सड़क दुर्घटनाएं रोकने के लिए सुरक्षित तंत्र प्रणाली पर आधारित व्यवस्था है जिसमें सभी संबंधित विभाग एवं संस्थाएं जनता के साथ मिलकर परिवहन तंत्र को सुरक्षित बनाते हैं। यह व्यवस्था विश्व के अनेक देशों के 200 से अधिक शहरों और राज्यों में दुर्घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण लगाए रखने में सफल हुई है। भारत में भी हरियाणा जैसे कुछ राज्य विजन जीरो का सफल प्रयोग कर सके हैं।

MP में सड़क दुर्घटनाओं पर लगेगी लगाम, 'विजन जीरो मध्यप्रदेश' व्यवस्था शुरू

इस व्यवस्था का उद्घाटन करते हुए परिवहन और राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत ने कहा कि इस व्यवस्था के तहत सड़क सुरक्षा के नियमों का पालन करके न केवल सड़क दुर्घटनाओं में कमी ला सकते हैं बल्कि अमूल्य मानव जीवन को भी बचाया जा सकता है। उन्होंने शिक्षण संस्थाओं और स्वयंसेवी संस्थाओं से भी सुरक्षा के ट्रैफिक नियम एवं स्वस्थ चालक व्यवहार की जानकारी प्रचारित प्रसारित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का आह्वान किया। कार्यक्रम के विशेष अतिथि जस्टिस अभय मनोहर सप्रे, जो उच्चतम न्यायालय द्वारा सड़क सुरक्षा पर गठित समिति के अध्यक्ष हैं, ने मध्य प्रदेश में इस व्यवस्था के शुरू होने पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में युवाओं की मृत्यु हमें बिल्कुल स्वीकार नहीं और हम सब का यह मिशन होना चाहिए कि इन दुर्घटनाओं को तत्काल और प्रभावी तरीके से रोका जाए। विजन जीरो की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए परिवहन आयुक्त मुकेश जैन ने बताया कि इस व्यवस्था का मूल सिद्धांत यह है कि सड़क दुर्घटनाओं में होने वाली एक भी मौत रोकी जा सकती है। यह व्यवस्था सुरक्षित संयंत्र प्रणाली पर आधारित है जिसके अनुसार मानवीय भूल हमेशा होगी किंतु हमारा परिवहन तंत्र, जिसमें सड़कों की डिजाइन, वाहनों की उपयोगिता, चालक का प्रशिक्षण ऐसा होना चाहिए कि सड़कों पर होने वाली भिड़ंत इतनी गंभीर ना हो कि वह मृत्यु अथवा गंभीर विकलांगता कारित करें। मुकेश जैन ने विजन जीरो के 5 स्तंभ सुरक्षित वाहन गति, सुरक्षित रोड, सुरक्षित चालक व्यवहार, द दुर्घटना उपरांत सहायता, सहित सुरक्षित गति पर जोर दिया और कहा कि इन्हीं पांचों व्यवस्थाओं पर मिलकर हम विजन जीरो को सफल बनाएंगे और इसमें शासकीय, अशासकीय दोनों व्यवस्थाएं मिलकर कार्य करेंगे।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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