मध्य प्रदेश में परिवहन चेकिंग पॉइंटों पर अधिकारियों द्वारा अवैध वसूली के बढ़ते मामलों को लेकर ट्रांसपोर्टर ने परिवहन मंत्री उदयप्रताप सिंह को एक पत्र भेजा है। दरअसल पत्र में चेकिंग पॉइंट्स पर नियमित निरीक्षण की आवश्यकता और गुजरात मॉडल की तर्ज पर एक तकनीक-आधारित वाहन चेकिंग सिस्टम लागू करने की अपील की गई है।
दरअसल इस पत्र में, ट्रांसपोर्टर ने हाल ही में अनूपपुर जिले के चेक पाइंट पर हुई एक घटना का हवाला भी दिया है। पत्र के मुताबिक, 15 सितंबर 2024 को अनूपपुर-1 चेक पॉइंट पर अवैध वसूली की घटना सामने आई थी। जानकारी के अनुसार मामले में परिवहन आयुक्त द्वारा कार्यवाही करते हुए आरक्षक रितु शुक्ला को निलंबित कर दिया गया है।
DocScanner 16-Sept-2024 3-20 pmछोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति करने का बड़ा आरोप
हालांकि, ट्रांसपोर्टर का कहना है कि निलंबन की कार्रवाई सिर्फ आरक्षक तक ही सीमित रह गई, जबकि असल में चेकिंग प्वाइंट की प्रभारी टीएसआई मीनाक्षी गोखले भी उस वीडियो में दिखाई दे रही थीं। ऐसे में चेकिंग प्वाइंट की संपूर्ण जिम्मेदारी प्रभारी की होती है, इसलिए टीएसआई मीनाक्षी गोखले पर भी निलंबन की कार्यवाही होनी चाहिए थी। वहीं पत्र में छोटे कर्मचारियों पर कार्रवाई कर खानापूर्ति करने का बड़ा आरोप भी लगाया गया है।
ट्रांसपोर्टर ने पत्र में की गुजरात मॉडल की मांग:
इसके साथ ही ट्रांसपोर्टर ने पत्र में यह भी साफ किया है कि परिवहन चेक पोस्ट बंद कर परिवहन चेकिंग पॉइंट बनाए गए थे और वाहनों की जांच के लिए गुजरात मॉडल लागू करने का फैसला मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया था। मगर आज तक भी परिवहन अधिकारियों और कर्मचारियों को चेकिंग करने के लिए आवश्यक संसाधन उपलब्ध नहीं कराए गए हैं। जिसके चलते उन्होंने मांग की है कि जल्द से जल्द तकनीकी संसाधन उपलब्ध कराकर चेकिंग की प्रक्रिया को पारदर्शी बनाया जाना चाहिए, ताकि वाहन चालकों को अनावश्यक रूप से परेशान न किया जा सके।
निरंतर वीडियोग्राफी से पारदर्शिता बनाई जाए
दरअसल इस पत्र में ट्रांसपोर्टर ने यह भी सुझाव दिया है कि निरंतर वीडियोग्राफी के माध्यम से चेकिंग पॉइंट पर पारदर्शिता बनाई जानी चाहिए। जिससे न केवल वाहन चालकों को परेशान करने वाली घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा, बल्कि इसके अलावा परिवहन अधिकारी और कर्मचारी भी अपनी ड्यूटी अच्छे से कर सकेंगे। इसके साथ ही, वीडियोग्राफी से अधिकारियों पर गलत आरोप-प्रत्यारोप भी नहीं लगाए जा सकेंगे।
जानकारी के अनुसार वर्तमान चेकिंग प्वाइंटों पर आरटीओ उड़नदस्ते की टीम की अवैध वसूली के मामले सामने आ रहे हैं। इसके अलावा, टीम द्वारा पत्रकारों के साथ अभद्र व्यवहार किए जाने और गाली-गलौज की भी बात सामने आई है।