Ujjain Mahakal Mandir: महाकाल की नगरी उज्जैन एक बार फिर से विश्व के मानचित्र पर अपनी विशेष पहचान बनाने की दिशा में अग्रसर हो रही है। दरअसल उज्जैन के महाकाल मंदिर में आयोजित होने वाली महाकाल की सवारी के दौरान एक ऐतिहासिक रिकॉर्ड बनाने की योजना बनाई जा रही है। जानकारी के अनुसार इस सवारी में 1000 से अधिक कलाकार डमरू बजाकर विश्व रिकॉर्ड बनाने का प्रयास करेंगे। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने इस भव्य आयोजन की व्यापक तैयारियों का जायजा लिया और इसे एक भव्य सांस्कृतिक आयोजन के रूप में प्रस्तुत करने की इच्छा व्यक्त की है।
दरअसल हाल ही में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सावन के महीने में भगवान महाकाल की सवारी और दर्शन व्यवस्था को लेकर प्रशासनिक अधिकारियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की। उन्होंने भगवान महाकाल की सवारी में डमरू बजाने और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से विश्व रिकॉर्ड बनाने की इच्छा व्यक्त की। मुख्यमंत्री ने कहा कि महाकाल की सवारी सिर्फ धार्मिक आस्था का प्रतीक नहीं है, बल्कि उज्जैन की सांस्कृतिक धरोहर को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रस्तुत करने का एक सुनहरा मौका भी है।
सवारी में 1000 कलाकारों की सहभागिता:
वहीं कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने जानकारी दी कि भगवान महाकाल की दूसरी सवारी के दौरान काशी और नासिक के 1000 कलाकार डमरू बजाएंगे। सवारी के संबंध में कई निर्देश भी जारी किए गए हैं, जिनमें डीजे पर पूर्ण प्रतिबंध शामिल है। इसके साथ ही, सवारी के आकर्षण को बढ़ाने के लिए 300 पुलिस जवान वाद्य यंत्रों का प्रदर्शन करेंगे। इस विशेष आयोजन में नासिक और काशी के 1000 कलाकार मिलकर डमरू की धुन प्रस्तुत करेंगे, जो इस सवारी का मुख्य आकर्षण होगा।
10008 डमरू का रिकॉर्ड तोड़ने की योजना:
दरअसल भगवान महाकाल की सवारी में इस बार 1000 से अधिक भजन मंडली के सदस्य डमरू और अन्य वाद्य यंत्र लेकर चलेंगे। इसके साथ ही, नासिक और काशी के 1000 कलाकार भी डमरू बजाएंगे। अगर सवारी में शामिल अन्य श्रद्धालु भी डमरू लेकर भगवान महाकाल की भक्ति में रम जाएं, तो यह विश्व रिकॉर्ड बन सकता है।