Ujjain News: भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में लाखों प्रशंसक हैं जो उन्हें दिल से चाहते हैं और हर मौके पर सपोर्ट करते दिखाई देते हैं। लेकिन इंदौर की रहने वाली एक छात्रा ने जो किया है वो थोड़ा हैरान कर देने वाला है क्योंकि उसने उज्जैन के विक्रम विश्वविद्यालय में लगातार 5 साल मेहनत करने के बाद पीएम पर अपना शोध पूरा किया है और दीक्षांत समारोह में पीएचडी की उपाधि हासिल की है।
इंदौर की रहने वाली छात्रा ने साल 2014 में नरेंद्र मोदी के पहली बार प्रधानमंत्री बनने से लेकर साल 2019 में दूसरे कार्यकाल की शपथ और वर्तमान समय में किए जा रहे कार्यों और हर फैसले का विश्लेषण अपने शोध में किया है।
Ujjain में किया छात्रा ने शोध
शोध करने वाली इस स्टूडेंट का नाम अंकिता त्रिपाठी है और कानपुर विश्वविद्यालय में स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने के बाद वह भारतीय जनता पार्टी के किसी सब्जेक्ट पर पीएचडी करने के बारे में सोच रही थी क्योंकि उनके पिता रमाकांत त्रिपाठी इस पार्टी से जुड़े हुए हैं और कानपुर क्षेत्रीय उपाध्यक्ष रहने के साथ पिछले लोकसभा चुनाव में 5 जिले के चुनाव संयोजक भी थे।
5 साल पहले छात्रा ने पीएम मोदी पर पीएचडी करने की शुरुआत की और विक्रम विश्वविद्यालय के डॉ वीरेंद्र चावरे ने उनका मार्गदर्शन किया। पॉलिटिकल साइंस की हेड ऑफ डिपार्टमेंट दीपिका गुप्ता ने भी पीएचडी में उनका भरपूर सहयोग किया।
बताया PM Modi ने कैसे जीता दिल
अंकिता ने अपने शोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्म से लेकर उनके राजनीतिक सफर और गुजरात का मुख्यमंत्री बनने पर किए गए विश्लेषण को बिंदुओं में प्रकाशित किया है। छात्रा के मुताबिक प्रधानमंत्री बनने के बाद शपथ ग्रहण में सार्क देश के नेताओं को आमंत्रित करना और विदेश नीति को पहली वरीयता देना यह पीएम मोदी की दूरगामी सोच है।
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शोध में यह भी बताया गया है कि गुजरात मॉडल के आधार पर देश भर में काम हुआ है और केंद्रीयकरण को बल देने के साथ योजना आयोग की जगह नीति आयोग बनाए जाने और मन की बात से जनता का सेवक बने रहने की छवि प्रधानमंत्री की लोकप्रियता का सबसे बड़ा कारण रही है।
2019 में इन चीजों पर रहा फोकस
2014 से लगाकर 2019 तक पीएम मोदी ने ग्रामीण क्षेत्रों पर सबसे अधिक ध्यान दिया। इन क्षेत्रों में इंटरनेट पहुंचाना हो या फिर बुनियादी ढांचे का निर्माण करना हो यह सभी चीजें उच्च स्तर पर की गई और डिजिटल साक्षरता को भी जोर दिया गया।
पीएम के ऐतिहासिक फैसलों का उल्लेख
अंकिता त्रिपाठी ने अपने शोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा साल 2014 से लेकर अब तक के लिए गए फैसलों के बारे में भी विश्लेषण किया है। छात्रा के मुताबिक 2014 से लेकर 2019 तक पीएम को पसंद करने वालों की संख्या काफी बढ़ गई थी।
साल 2014 के बाद 2019 में कई राज्य ऐसे थे जहां बीजेपी की सरकार बनी। इसके अलावा 2016 में हुई नोटबंदी गवर्नमेंट में हो रहे भ्रष्टाचार पर लगाम साबित हुई। हर गांव तक पानी पहुंचाना, अल्पसंख्यकों के लिए शिक्षा और उद्योग की व्यवस्था, महंगाई पर नियंत्रण, अस्पतालों का आधुनिकरण, गंगा को प्रदूषण से रोकना, नई राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति, पक्के घर बनाना, तीन तलाक, कोरोना का टीका, नमामि गंगे यह सभी महत्वपूर्ण फैसले हैं।
इसके बाद 5 अगस्त 2019 को धारा 370 को हटाकर कश्मीर का पुनर्गठन किया गया। वहीं सालों से चले आ रहे अयोध्या मंदिर निर्माण के विवाद को सुलझा कर उन्होंने मंदिर निर्माण को हरी झंडी दिखाई। 100 दिनों में उन्होंने जापान, भूटान नेपाल जैसी जगहों की यात्रा की और कई सारे नवाचार किए। शोध में अब तक हुए अन्य प्रधानमंत्रियों से पीएम मोदी का कार्यकाल किस तरह भिन्न रहा इस बारे में भी बताया गया है।
ये फैसले हुए नाकाम
अंकिता ने अपने शोध में ऐतिहासिक फैसलों का जिक्र करने के साथ उन चीजों के बारे में भी बताया है जो असफल रही है। इसमें कृषि कानून से लेकर आधार को पहचान प्रमाण पत्र के रूप में लॉन्च करना और इसमें फिंगर और आई स्कैन जैसी व्यक्तिगत जानकारी होने पर आपत्ति जताना समेत नोटबंदी के असफल होने का जिक्र भी किया गया है।
नोटबंदी को मुख्य रूप से भ्रष्टाचार रोकने के लिए लाया गया था, जिसकी कड़ी आलोचना की गई। वहीं कुछ सालों पहले लाया गया जीएसटी कानून संविधान 101 अधिनियम में संशोधन कर तैयार किया गया है। इसमें 8 केंद्रीय और 9 राज्य को स्थान दिया गया है, जिससे छोटे व्यापारियों को कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ा।
अंकिता ने अपने शोध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पूरी जीवनी और उनके अब तक के कार्यकाल के बारे में सारी चीजों को समाहित किया है। यही वजह है कि विक्रम विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में पीएचडी की उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल दिए गए और इसमें अंकिता भी अपनी पीएचडी पूरी करने में सफल रही हैं।