उज्जैन: नैक मूल्यांकन में एक पायदान फिसला विक्रम विश्वविद्यालय, होगा पुनर्मूल्यांकन

Diksha Bhanupriy
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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। विक्रम विश्वविद्यालय (Vikram University) प्रदेश का सबसे पुराना विश्वविद्यालय है। हाल ही में नैक मूल्यांकन की जो रिपोर्ट सामने आई है उसमें यह एक पायदान पिछड़ गया है. यूनिवर्सिटी को पहले जहां ए ग्रेड मिला था इस बार B++ ग्रेड मिला है। रैंकिंग में आई इस गिरावट का असर कहीं ना कहीं उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव की छवि पर दिखाई देने वाला है। वो उज्जैन (Ujjain) का प्रतिनिधित्व करते हैं और इस विश्वविद्यालय के अंतर्गत छात्र भी रह चुके हैं। कहा जा रहा है कि विश्वविद्यालय फिर से मूल्यांकन करने की अपील करने वाला है।

5 वर्ष पहले यूनिवर्सिटी का जो मूल्यांकन हुआ था उस दौरान ए ग्रेड मिली थी। 2020-21 ने कोरोना की वजह से मूल्यांकन नहीं हुआ और एक्सटेंशन दे दिया गया। इस साल 13 से 15 अक्टूबर तक 5 सदस्यीय दल विक्रम विश्वविद्यालय का निरीक्षण करने और भौतिक सत्यापन के लिए आया हुआ था। अब खबर सामने आ रही है कि बेंगलुरु कार्यालय में जो बैठक हुई है वहां विक्रम विश्वविद्यालय को B++ ग्रेड दी गई है।

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इस बारे में विक्रम विश्वविद्यालय के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय का कहना है कि आज ही B++ ग्रेड मिलने की जानकारी लगी है। विश्वविद्यालय 0.9 अंको से पीछे रह गया है। जो भी कमी रह गई है उसके बारे में पता लगा कर उसे सुधारने की कोशिश करेंगे। उन्होंने कहा है कि मार्किंग सिस्टम में भी बदलाव आया है 45 दिन में हम पुनर्मूल्यांकन के लिए अपील कर सकते हैं।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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