Somvati Amavasya 2023: 30 वर्षों बाद विशेष संयोग में होगा सोमवती स्नान, शिप्रा तट पर उमड़ेगा आस्था का सैलाब

Diksha Bhanupriy
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Somvati Amavasya 2023: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन में शिवरात्रि का उल्लास अभी खत्म नहीं हुआ है कि अब यहां एक बार फिर श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने वाली है। सोमवती अमावस्या के दौरान प्रशासन की नजर शिप्रा नदी और इसके घाटों पर रहने वाली है। इन दिनों वैसे भी लगातार अवकाश पड़ रहे हैं जिसके चलते शहर में श्रद्धालुओं की भीड़ अचानक ही बढ़ गई है। शिप्रा तट के सोम कुंड पर स्नान के लिए प्रशासन की ओर से व्यवस्थाएं जुटा ली गई है।

विशेष योग में आएगी Somvati Amavasya 2023

ज्योतिषियों के मुताबिक सोमवती अमावस्या पर धनिष्ठा नक्षत्र, परिधि योग, शिवयोग, नाग करण और कुंभ राशि चंद्रमा की साक्षी बनने वाली है। इन सभी योग के चलते यह दिन बहुत ही शुभ है। ऐसे में मां लक्ष्मी की आराधना करने के साथ पितरों के निमित्त पिंड दान करने से सुख समृद्धि की प्राप्ति होगी।

30 वर्षों बाद बना है संयोग

शनि का राशि परिवर्तन ढाई साल के बाद होता है और उन्हें इसी राशि में आने में इसे करीब 30 साल का समय लगता है। अगर ज्योतिषी दृष्टि से देखा जाए तो शनि का कुंभ राशि में प्रवेश करना और अमावस्या के दिन सूर्य और चंद्रमा के साथ युति बनाना पितृ कर्म के हिसाब से बहुत शुभ माना जाता है।

लक्ष्मी साधना के लिए है विशेष

अमावस्या की तिथि पर यदि धनिष्ठा नक्षत्र पड़ता है तो इससे मां लक्ष्मी की आराधना के लिए बहुत शुभ माना जाता है। नाग करण और परिधि योग भी अगर इस दिन आ जाए तो इन्हें आर्थिक प्रगति देने वाला माना जाता है। इस दौरान मां लक्ष्मी की उपासना करी जानी चाहिए।

सोमतीर्थ पर उमड़ेंगे श्रद्धालु

स्कंद पुराण के अवंती खंड में सोमेश्वर तीर्थ की पारंपरिक मान्यता बताई गई है। सोमवार के दिन जब भी अमावस्या पड़ती है यहां पर भगवान सोमेश्वर का पूजन अर्चन किया जाता है। इस दिन स्नान के बाद दान का विशेष महत्व माना गया है। ऐसा कहा जाता है कि बच्चों की जन्म कुंडली में अगर चंद्रमा कमजोर होता है तो उससे होने वाले दोष को दूर करने के लिए सफेद वस्तुओं का दान करने और सोम तीर्थ का पूजन अर्चन करने से अनुकूलता मिलती है।

Somvati Amavasya 2023

शिप्रा नदी स्नान का महत्व

शिप्रा नदी को वैसे भी मोक्षदायिनी कहा जाता है। सोमवती अमावस्या के मौके पर देशभर से श्रद्धालुओं का जमावड़ा स्नान के लिए पुण्यसलिला के घाट पर उमड़ने वाला है। हालांकि नर्मदा का पानी बीते दिनों शिप्रा में छोड़ा गया है जिसके चलते जलस्तर बढ़ा हुआ है। इसी को देखते हुए घाटों पर सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं और साफ-सफाई का भी अच्छा प्रबंध है।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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