Wed, Dec 31, 2025

Mahakal Gair: ध्वज पूजन के बाद उज्जैन में निकली परंपरागत गैर, मनमोहक झांकियां रही आकर्षण का केंद्र

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
Mahakal Gair: ध्वज पूजन के बाद उज्जैन में निकली परंपरागत गैर, मनमोहक झांकियां रही आकर्षण का केंद्र

Mahakal Gair Ujjain: रंग पंचमी के मौके पर महाकालेश्वर मंदिर में बड़े ही धूमधाम से होली खेले जाने के बाद शाम के समय ध्वज चल समारोह निकाला गया। सभा मंडप में पंडे-पुजारियों और अधिकारियों ने भगवान और ध्वज का पूजन अर्चन कर कोटि तीर्थ कुंड का चक्कर लगाया। इसके पश्चात सभी ने सभा मंडप में हथियार घुमा कर प्रदर्शन भी किया। फिर यह समारोह मंदिर परिसर से बाहर निकला और शहर के प्रमुख मार्ग का भ्रमण करता दिखाई दिया।

भव्यता से निकली Mahakal Gair

महाकालेश्वर मंदिर में कोटि तीर्थ के चक्कर लगाने के बाद जब यह दुआ चल समारोह मंदिर से बाहर पहुंचा तो इसमें पांच झांकियां, बैंड बाजे, ढोल, मलखंब के खिलाड़ी शामिल हुए और रास्ते भर प्रदर्शन करते हुए नजर आए। धार्मिक भजनों पर रास्ते में खड़े श्रद्धालु झूमते गाते हुए दिखाई दिए।

Mahakal Gair

ध्वज का हुआ पूजन अर्चन

महाकालेश्वर चल समारोह शुरू होने से पहले भगवान श्री महाकाल श्री वीरभद्र और ध्वज का पुजारी और पुरोहितों ने पूजन अर्चन किया। इस दौरान उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव, मंदिर समिति के अध्यक्ष और कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम, एसपी सत्येंद्र कुमार शुक्ला, मंदिर प्रशासक संदीप सोनी, सहायक प्रशासक मूलचंद जोनवाल समेत मंदिर के पुजारी और भक्त उपस्थित रहे।

Mahakal Gair

ध्वज पूजन के बाद सभी ने कोटि तीर्थ कुंड की परिक्रमा लगाई और पालकी गेट से मंदिर के बाहर निकले। यहां से झांकियों का कारवां इस समारोह में शामिल हुआ जिसमें मंदिर के सभी पुजारी समेत उज्जैन की जनता शामिल हुई।

 

अधिकारियों ने लहराई तलवार

महाकालेश्वर मंदिर में भगवान वीरभद्र और ध्वजा पूजन होने के बाद उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन यादव समेत कलेक्टर एसपी और अन्य अधिकारियों ने तलवार और हथियार लहरा कर शक्ति प्रदर्शन किया। इसके अलावा गैर में कई अन्य अखाड़े भी शामिल हुए जिसमें युवा हथियार प्रदर्शन करते हुए नजर आए।

Mahakal Gair

निकली मनमोहक झांकियां

महाकालेश्वर ध्वज चल समारोह में पांच झांकियां शामिल हुई थी जिन्हें 40 फीट लंबी ट्रॉलियों पर सजाया गया था। इस गैर में भगवान वीरभद्र की गाड़ी, सेहरा दर्शन, मलखंब प्रदर्शन दल, नासिक के ढोल, आर के बैंड, अमरावती त्रिशूल करतब दल समेत अन्य अखाड़े शामिल थे। गैर को देखने के लिए हजारों की संख्या में शहरवासी पुराने शहर के मार्गो पर नजर आए और सभी ने महाकाल की मनमोहक झांकियों को निहारते हुए भगवान वीरभद्र और ध्वजा के दर्शन किए।

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