बाबा महाकाल की निकली दूसरी शाही सवारी, भक्तों ने जयकारे के साथ की पुष्प वर्षा

Amit Sengar
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उज्जैन,डेस्क रिपोर्ट। 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर में आज बाबा महाकाल (baba mahakal) की दूसरी शाही सवारी निकाली गई। बाबा महाकाल श्रावण मास में प्रजा का हाल जानने के लिए गर्भ गृह से निकले। महाकाल की सवारी गाजे-बाजे और धूमधाम के साथ निकाली गई। राजाधिराज के दर्शन पाकर महाकाल के भक्त खुशी से झूम उठे। बता दें कि बाबा महाकाल ने चंद्रमौलेश्वर रूप में अपने भक्तों को दर्शन दिए। इस दौरान कलेक्टर आशीष सिंह ने पूजा-अर्चना की। पुलिस ने महाकाल को गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद सवारी शुरू हुई। थोड़ी देर में सवारी शिप्रा नदी के तट पर पहुंचेगी। यहां महाकाल की पूजा-अर्चना की जाएगी। पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी दर्शन के लिए उज्जैन पहुंची हैं।

बाबा महाकाल की निकली दूसरी शाही सवारी, भक्तों ने जयकारे के साथ की पुष्प वर्षा

इस दौरान भक्तों ने जयकारे के साथ पुष्प वर्षा की। पालकी के साथ पुजारी, पुरोहित भजन मंडली की टोली मौजूद है। डमरू, झांझ, ढोल बजते भजन मंडली के भक्तों ने जयकारे लगा कर भगवान महाकाल का गुणगान करते चल रहे हैं।

परंपरा के अनुसार मंदिर के मुख्य द्वार पर भगवान चंद्रमौलेश्वर को सशस्त्र पुलिस बल के जवानों के द्वारा सलामी दी गई। इसके बाद सशस्त्र बल की टुकड़ी मार्च पास्ट करते हुए सवारी के आगे चल रही है। यह परंपरा राजा की सुरक्षा और भगवान महाकाल के वैभव को दर्शाता है। सवारी के शिप्रा नदी के रामघाट क्षेत्र में पहुंचेगी। रामघाट पर शिप्रा के जल से भगवान का अभिषेक पूजन कर आरती की जाती है। शिप्रा से मिलने के बाद बाबा सवारी नगर की ओर रवाना होती है।

बाबा महाकाल की निकली दूसरी शाही सवारी, भक्तों ने जयकारे के साथ की पुष्प वर्षा

भगवान श्री महाकालेश्वर की पालकी मन्दिर से निकलने के बाद महाकाल रोड, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार और कहारवाड़ी से होती हुई रामघाट पहुंचेगी। जहां अभिषेक और पूजन-के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती का मन्दिर, सत्यनारायण मन्दिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्रीचौक, गोपाल मन्दिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार से होती हुई पुन: श्री महाकालेश्‍वर मन्दिर पहुंचेगी।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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