Mahakal: उज्जैन (Ujjain) में स्थित विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में हर त्योहार सबसे पहले मनाया जाता है। इस बार भी यहां 26 जनवरी और बसंत पंचमी का त्यौहार धूमधाम के साथ मनाया गया। सुबह 4 बजे हुई भस्म आरती में बाबा के मस्तक पर तिरंगा श्रृंगार किया गया और नंदी महाराज को भी तीन रंग के वस्त्र पहनाए गए। बसंत पंचमी का त्योहार भी मंदिर प्रांगण में धूमधाम से मनाया गया।
Mahakal का हुआ आकर्षक श्रृंगार
74 वें गणतंत्र दिवस के मौके पर महाकालेश्वर का भांग, चंदन, सिंदूर और आभूषणों से आकर्षक श्रृंगार किया गया। श्रृंगार में आज मस्तक पर तिरंगा रूपी तिलक भी सजाया गया था। इसके बाद बसंत पंचमी का त्योहार भी मनाया गया और शेषनाग के रजत मुकुट, मुंडमाला और रुद्राक्ष तथा सुगंधित फूलों की माला से बाबा का श्रृंगार किया गया।
सजा महाकाल का आंगन
महाकाल मंदिर के गर्भगृह में तो भगवान का तिरंगे से श्रृंगार किया ही गया। इसके अलावा माता पार्वती, श्री गणेश और कार्तिकेय और नंदी हॉल में विराजित नंदी प्रतिमा को भी आकर्षक तरीके से सजाया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए पहुंचे। महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भगवान को भस्म अर्पित की गई जिसके बाद शिव ने निराकार रूप में भी दर्शन दिए।
भस्म आरती में उमड़ा हुजूम
भगवान के आकर्षक और मनोरम श्रृंगार को देखने के लिए यूं तो हर दिन ही मंदिर में भक्तों का सैलाब उमड़ता है। लेकिन आज गणतंत्र दिवस और बसंत पंचमी का अद्भुत संयोग होने से यहां भक्तों की संख्या में इजाफा देखा गया। बाबा के अद्भुत स्वरूप को देखकर भक्त भावविभोर हो गए और भक्ति में लीन नजर आए।