मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 में हुए सम्मिलित

कार्यक्रम में 5 महाद्विपों एवं 21 से अधिक देशों में प्रवहमान नदियों के जल को एक बड़े पात्र में इकठ्ठा कर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को दिया जलाभिषेक के लिए दिया गया। कार्यक्रम में विश्व के 21 से अधिक देशों से लाई गई मिट्ठी से धरती माता का मॉडल भी बनाया गया।

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UJJAIN NEWS :  कालिदास अकादमी उज्जैन में यूनाइटेड कॉन्शसनेस कॉनक्लेव- 2025 आयोजित किया है, इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने भी शिरकत की, इस मौके सीएम डॉ मोहन यादव ने कहा कि बाबा श्री महाकाल की नगरी, भारत एवं विश्व का एक प्रमुख आध्यात्मिक ऊर्जा का केंद्र उज्जैन, यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव-2025 आयोजन की मेजबानी कर रहा है। यह भूमि वेदों, पुराणों और योग परंपरा से समृद्ध रही है, और आज हम सभी यहां इसी परंपरा को वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने हेतु एकत्रित हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि “यह दौर युद्ध का नहीं, शांति का है”। उनका यह विचार आज के समय की सबसे महत्वपूर्ण आवश्यकता को इंगित करता है। यूनाइटेड कॉन्शसनेस ग्लोबल कॉन्क्लेव एकात्म चेतना के माध्यम से शांति की संस्कृति की स्थापना होगी। इस मंच पर 21 से अधिक देशों के विद्वान, संत, मनीषी, आध्यात्मिक शिक्षक, कोच और विचारक एकत्रित हुए हैं, जो इस विषय पर अपने विचार साझा कर रहे है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन  यादव ने यह बात कालिदास अकादमी उज्जैन में आयोजित यूनाइटेड कॉन्शसनेस कॉनक्लेव- 2025 में संबोधित करते हुए कही।

जल का महत्व 

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि पंचमहाभूत से बना है हमारा शरीर। प्रकृति में जो पांच तत्व मौजूद हैं वही हमारे शरीर में भी विद्यमान है। इस सृष्टि मे जीवन की उत्पत्ति सर्वप्रथम जल में ही हुई थी, इसीलिए जल के प्रति हम सब जीवों में एक स्वाभाविक सी ललक रहती है। जल हमें सुकून देता है। स्नान से हमें मानसिक शांति प्राप्त होती है साथ ही शरीर में स्फूर्ति का संचार होता है। जल स्रोत नदी, समुद्र, तालाब जैसे हमें शुरू से ही आकर्षित करते आ रहे हैं। आज कार्यक्रम में संसार के विभिन्न जल स्रोतों से जल प्राप्त हुआ है। जल विश्व को सनातन संस्कृति की परंपरा अनुसार एक सूत्र में पिरोता है।

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एकात्मक चिंतन के इस शिविर में 21 से अधिक देशों के डेलिगेट्स

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि उज्जैन की इस पवित्र भूमि पर एकात्मक चिंतन के इस शिविर में 21 से अधिक देशों के डेलिगेट्स यहां आए हैं। यहां पर भी सनातन परंपरा के चिंतन को लेकर विचार विमर्श किया जा रहा है। उज्जैन में वैचारिक महाकुंभ का आयोजन किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कॉन्क्लेव आयोजन पर शुभकामनाएं दी। यह कॉन्क्लेव केवल संवाद या चर्चा का मंच नहीं है, बल्कि यह गहन विमर्श का एक केंद्र बनेगा, जिससे न केवल ज्ञान का विस्तार होगा, बल्कि मानवता के कल्याण का मार्ग भी प्रशस्त होगा। प्रधानमंत्री श्री मोदी के नेतृत्व में भारतीय जीवन मूल्यों का “वसुधैव कुटुंबकम” का संदेश विभिन्न देशों और संस्कृतियों के मध्य शांति और सौहार्द को स्थापित करेगा। भारत भूमि योग, ध्यान, वेदांत और धर्म के माध्यम से शांति, सहिष्णुता और सह-अस्तित्व का संदेश देती रही है। यह कॉन्क्लेव भारत की प्राचीन संस्कृति, योग और अध्यात्म को एक वैश्विक मंच पर प्रस्तुत करने का एक अद्भुत अवसर है।

21 से अधिक देशों से लाई गई मिट्ठी से धरती माता का मॉडल

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कार्यक्रम में श्वेता तोमर की पुस्तक “वैदिक पेरेंटिंग” का विमोचन किया। पुस्तक भारतीय सनातन दर्शन को समाहित कर पेरेंटिंग के बारे में जानकारी प्रदान करती है। कार्यक्रम में 5 महाद्विपों एवं 21 से अधिक देशों में प्रवहमान नदियों के जल को एक बड़े पात्र में इकठ्ठा कर मुख्यमंत्री डॉ. यादव को दिया जलाभिषेक के लिए दिया गया। कार्यक्रम में विश्व के 21 से अधिक देशों से लाई गई मिट्ठी से धरती माता का मॉडल भी बनाया गया। कालिदास संस्कृति अकादमी में हुए कार्यक्रम में जिले के प्रभारी मंत्री व कौशल विकास एवं रोजगार राज्यमंत्री गौतम टेटवाल, सांसद अनिल फिरोजिया,विधायक अनिल जैन कालूहेड़ा, महापौर मुकेश टटवाल, नगर निगम सभापति कलावती यादव एवं 21 से अधिक देशों से पधारे डेलीगेट्स उपस्थित रहे।


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Sushma Bhardwaj

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