Mon, Dec 29, 2025

जमीन पर लेटे मन्नतधारियों के ऊपर से गुजरी सैकड़ों गायें, मनाया गया गाय गौहरी का पर्व

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
जमीन पर लेटे मन्नतधारियों के ऊपर से गुजरी सैकड़ों गायें, मनाया गया गाय गौहरी का पर्व

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश के उज्जैन (Ujjain) जिले के बड़नगर (Badnagar) में दीपावली के बाद होने वाली गोवर्धन पूजा के दिन एक अनोखा नजारा देखने को होता है। हजारों की संख्या में लोग जमीन पर लेट जाते हैं और उनके ऊपर से सैकड़ों गायें दौड़ती हुई निकल जाती है। बहुत पुराने समय से यहां पर लोग गाय गौहरी परंपरा का निर्वहन करते हुए आ रहे हैं। हैरानी की बात तो ये है कि आज तक किसी भी व्यक्ति को इस परंपरा में कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

गाय गौहरी का यह पर्व वैसे तो दीपावली के दूसरे दिन मनाया जाता है, ग्रहण होने की वजह से गोवर्धन पूजा आज की गई है। बड़नगर के भिड़ावद में गोवर्धन पूजा करने के बाद मन्नत मांगने वाले लोग जमीन पर लेट गए और गायें उनके ऊपर से गुजर गई। इस परंपरा के मुताबिक मन्नतधारी लोग 5 दिनों तक गांव के मंदिर में रुक कर यहां भजन कीर्तन करते हैं। कई वर्षों से यह परंपरा यहां पर चली आ रही है।

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गोवर्धन पूजन से पहले ग्रामीण यहां पर अपनी गाय को सजा धजा कर लाते हैं और पूजन करने के बाद जमीन पर लेट जाते हैं। इसके बाद सैकड़ों गाय लेटे हुए लोगों पर से गुजर जाती है। गांव में खुशहाली बनी रहे इसलिए इस परंपरा को निभाया जाता है। लोगों का कहना है कि गाय में 33 कोटि देवी देवता निवास करते हैं और इस तरह से उन्हें भगवान का आशीर्वाद मिलता है।

भिड़ावद गांव में रहने वाले ग्रामीण सुहाग पड़वा की सुबह से ही इस परंपरा को निभाने की तैयारी में जुट जाते हैं। सूर्योदय के साथ मंदिर में घंटी बजने लगती है और लोग अपनी गाय को स्नान करवाकर उसे खूबसूरती से सजाते हैं। गायों को रंगों से सजाने के बाद उन्हें चौक पर लेकर जाया जाता है। इसके बाद मन्नत धारी लोग जो 5 दिनों से अपना घर छोड़कर मंदिर में रह रहे हैं वह यहां पहुंचते हैं और मुंह के बल लेट जाते हैं। इसके बाद गायें उनके ऊपर से गुजर जाती है। देखने वाले इस नजारे को देख कर चौंक जाते हैं।