Mahakal Mandir: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में सावन भादौ मास को लेकर तैयारियां का दौर जोर-शोर से जारी है। गर्भगृह की दीवारों, रुद्र यंत्र और चांदी द्वार की सफाई का काम शुरू हो चुका है। दोपहर 2 बजे से कारीगर यहां सफाई शुरू कर देते हैं। इसी के साथ आने वाले श्रद्धालुओं के लिए दर्शन व्यवस्था भी मंदिर समिति और प्रशासन द्वारा कर ली गई है।
चमकाई जा रही गर्भगृह की दीवारें
मंदिर में प्रतिदिन भोलेनाथ की कर्पूर आरती की जाती है। इसके धुएं की वजह से रजत मंडित दीवारों, चांदी द्वार और रुद्र यंत्र का रंग फीका पड़ जाता है। मंदिर समिति द्वारा महाशिवरात्रि, सावन और दीपावली के समय उसकी सफाई करवाई जाती है। इस बार भी दोपहर 2 से शाम 4 बजे तक काम चल रहा है। इस दौरान ज्योतिर्लिंग की सुरक्षा के लिए उसपर कपड़ा ढंका जाता है।
मंदिर में व्यवस्थाएं
4 जुलाई से सावन का महीना शुरू हो जाएगा और अधिक मास होने के चलते इस बार देश और दुनिया भर से श्रद्धालुओं के महाकाल मंदिर पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। आने वाली भीड़ को देखते हुए मंदिर प्रबंध समिति द्वारा तरह-तरह की व्यवस्थाएं की गई हैं।
पहले सोमवार को ज्यादा संख्या में भक्तों के आने की संभावना है। इसी को देखते हुए उन्हें त्रिवेणी संग्रहालय के पास से महाकाल लोग होते हुए मानसरोवर से मंदिर में प्रवेश देने की बात कही जा रही है। अन्य दिनों में इसी मार्ग से हरसिद्धि और बड़ा गणेश होते हुए भी मानसरोवर से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए पार्किंग, जूता स्टैंड और प्रसादी काउंटर बनाए जा रहे हैं।
महाकालेश्वर दर्शन की सारी व्यवस्था
अगर आप बाबा महाकाल के दर्शन करने के लिए जा रहे हैं तो हम आपको मंदिर की सारी व्यवस्था से रूबरू करवाते हैं। मंदिर में सबसे पहले होने वाली भस्म आरती की बात करें तो उसके लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह से परमिशन दी जाएगी। हालांकि, भक्त पूरे समय आरती में मौजूद नहीं रह सकेंगे उन्हें चलित दर्शन करवाए जाएंगे।
4 जुलाई से 11 सितंबर तक गर्भगृह में प्रवेश पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दिया गया है। केवल पंडे पुजारी ही बाबा के पूजन अर्चन के लिए अंदर जा सकेंगे। जो लोग शीघ्र दर्शन करना चाहते हैं उन्हें ढाई सौ रुपए का टिकट लेना पड़ेगा यह मंदिर की वेबसाइट से ऑनलाइन उपलब्ध होगा।
प्रोटोकॉल और विशेष अनुमति प्राप्त लोगों को आरती के दौरान नंदीहाल से दर्शन करने की परमिशन रहेगी यह संख्या काफी सीमित होगी। देशभर से आने वाले कावड़ यात्री मंगलवार से शुक्रवार तक बाबा के जलाभिषेक के लिए आ सकते हैं, अन्य दिनों में उन्हें प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
सामान्य दर्शनार्थियों को महाकाल लोक से प्रवेश देते हुए फैसिलिटी सेंटर 2 से पुराने फैसिलिटी सेंटर के जरिए नई टनल में प्रवेश देकर कार्तिकेय मंडपम पहुंचाया जाएगा। ढाई सौ रुपए टिकट वाले दर्शनार्थी चार नंबर गेट से मंदिर में प्रवेश करेंगे और विश्राम धाम से सभा मंडप होते हुए बैरिकेड से दर्शन करने के बाद निर्गम मार्ग से बाहर हो जाएंगे।
वीआईपी गेट नंबर 1 प्रवेश लेंगे जो महाकाल प्रशासनिक कार्यालय के सामने मौजूद है। वहीं वीवीआईपी लोगों को निर्माल्य गेट से मंदिर में प्रवेश दिया जाएगा। जो श्रद्धालु नियमित दर्शन करने पहुंचते हैं उन्हें गेट नंबर 4 से विश्राम धाम से सभा मंडप पहुंचाते हुए बैरिकेड्स से दर्शन करवाए जाएंगे। हरिओम जल के तहत भस्म आरती से पहले नियमित रूप से आने वाले श्रद्धालु जल अर्पण कर सकते हैं।
पार्किंग व्यवस्था
इंदौर और देवास से आने वाले वाहन चालक नरसिंह घाट के सामने और कार्तिक मेला मैदान में वाहन पार्क कर सकते हैं। आगर और मक्सी से आने वाले लोगों को छत्री चौक मल्टी लेवल पार्किंग में वाहन खड़े करने होंगे। बड़नगर और उन्हेल से आने वाले दर्शनार्थी कर्क राजमंदिर के साथ भील समाज की धर्मशाला में वाहन खड़े कर सकते हैं।
अन्य व्यवस्था
महाकाल प्रशासनिक भवन, बड़ा गणेश के सामने और चारधाम पर जूता चप्पल स्टैंड बनाया जाएगा और सभी के पास मोबाइल लॉकर की सुविधा भी उपलब्ध रहेगी। लड्डू प्रसादी के लिए प्रशासनिक कार्यालय, चारधाम, हरसिद्धि, बड़ा गणेश मंदिर के पास काउंटर बनाए जाएंगे। प्रोटोकॉल ऑफिस, गेट नंबर 1 तथा 4 और ऑनलाइन तरीके से शीघ्र दर्शन की टिकट प्राप्त की जा सकती है।