PHE AE arrested for taking bribe : सरकार की सख्त कार्रवाई के बावजूद रिश्वतखोरी रुकने का नाम नहीं ले रही, प्रदेश सरकार के शासकीय सेवक बेख़ौफ़ रिश्वत ले रहे हैं, लोकायुक्त उन्हें रंगे हाथ गिरफ्तार कर रही है लेकिन उन्हें अपनी नौकरी जाने का भी डर नहीं है, उन्हें भ्रष्टाचार से मतलब है। ताजा मामला उज्जैन के पीएचई विभाग का है, जहाँ लोकायुक्त पुलिस ने महिला सहायक यंत्री को 60 हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक अक्षय पाटीदार नामक व्यक्ति ने लोकायुक्त उजैन में एक शिकायत की थी, उन्होंने बताया था कि वे पाटीदार मानश्री के नाम से फर्म संचालित करते हैं और पीएचई में ठेकेदारी करते हैं, अक्षय ने कहा कि उन्होंने वर्ष 2020 में जल जीवन योजना के तहत घट्टिया ब्लाक के झीतरखेड़ी व कालूखेड़ी में पानी की टंकियां बनाई थी और घर घर नल लगाए थे।
भुगतान के बदले PHE AE ने मांगी रिश्वत
अक्षय ने कहा कि उनकी फर्म ने कुल 80 लाख रुपये का काम किया था, काम छह माह में होना था लेकिन कोरोना के चलते दस माह में पूरा किया था इसलिए अधिकारियों ने उसका अंतिम भुगतान दस लाख रुपये रोक दिया था। अक्षय पाटीदार तीन साल से भुगतान के लिए परेशान हो रहा था तो उसने सीएम हेल्प लाइन पर भी शिकायत कर दी थी। लेवल चार पर शिकायत पहुंचने पर अधिकारी ठेकेदार का भुगतान करने को तैयार हुए थे। मगर पीएचई की सहायक यंत्री निधि मिश्रा ने भुगतान के एवज में रिश्वत की मांग की थी।
लोकायुक्त ने रिश्वत लेते महिला AE को रंगे हाथ पकड़ा
रिश्वत मांगे जाने से परेशान पाटीदार ने एक जुलाई को एसपी लोकायुक्त को शिकायत कर दी। शिकायत का सत्यापन डीएसपी लोकायुक्त राजेश पाठक ने किया। शिकायत सही पाए जाने पर बुधवार को लोकायुक्त ने ट्रेप की प्लानिंग की और सहायक यंत्री को रिश्वत लेते हुए उनके सरकारी कार्यालय में रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।
गिरफ्तार AE का कहना उसने SE के कहने पर ली रिश्वत, लोकायुक्त कर रही जाँच
उधर गिरफ्तार महिला अधिकारी ने लोकायुक्त से कहा कि उसने ये रिश्वत अपने अधिकारी अधीक्षण यंत्री के कहने पर ली है, जिसके जवाब में डीएसपी पाठक ने कहा कि महिला अधिकारी ने जिस अधिकारी का नाम लिया है उसकी जाँच के बाद यदि दोषी निकले तो उनपर भी एक्शन होगा।