Mahakal Bhakt: ऐसे भी हैं महाकाल के दीवाने, बिना पैसे लिए 12 सालों से कर रहे बाबा की सेवा

Diksha Bhanupriy
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Mahakal Bhakt News: बाबा महाकाल का मंदिर विश्व के सबसे प्रसिद्ध ज्योतिर्लिंगों में से एक है। जहां देश ही नहीं बल्कि दुनिया भर के श्रद्धालु अपनी मनोकामनाएं लेकर पहुंचते हैं। उज्जैन पहुंचने पर अनायास की व्यक्ति को अपने चारों ओर महाकाल की भक्ति का आभास होने लगता है। क्योंकि यहां का बच्चा-बच्चा भी किसी से मिलने पर हाय हेलो की जगह जय श्री महाकाल बोलता दिखाई देता है।

महाकाल की भक्ति उज्जैन ही नहीं दुनिया भर में फैली हुई है और कई ऐसे भक्त हैं, जो सालों से बिना किसी मतलब के निस्वार्थ भाव से बाबा के भक्ति किए जा रहे हैं। इस समय मंदिर में कुछ ऐसे ही भक्तों को बाबा का गर्भगृह और चांदी द्वार सवारते हुए देखा जा रहा है।

चल रही है सफाई

महाकाल मंदिर में इन दिनों श्रावण मास की तैयारियां जोर-शोर से चल रही है। लाखों श्रद्धालुओं के आने की संभावना को देखते हुए प्रशासन और मंदिर समिति उचित व्यवस्थाएं जुटाने में जुटे हुए हैं। इसी कड़ी में गर्भगृह की रजत मंडप दीवारें, चांदी द्वार और रूद्र यंत्र की साफ सफाई का काम भी शुरू हो चुका है।

मंदिर समिति द्वारा महाशिवरात्रि, सावन और दीपावली के दौरान यह सफाई करवाई जाती है। क्योंकि रोजाना कर्पूर आरती के धुएं के चलते इन चीजों की चमक फीकी पड़ जाती है। दोपहर 2 बजे से शाम 5 बजे तक ये सफाई का काम किया जा रहा है और गर्भगृह में श्रद्धालुओं का प्रवेश वर्जित है।

12 सालों से भक्ति कर रहे दिल्ली के व्यापारी

महाकालेश्वर मंदिर में हर साल होने वाली इस सफाई के काम का दारोमदार पिछले 12 वर्षों से दिल्ली के व्यापारी सुशील शर्मा करते आ रहे हैं। वह उज्जैन आते हैं और अपनी टीम के साथ साफ सफाई की व्यवस्था को संभालते हैं। इस समय भी वह रजत मंडित दीवारों, चांदी द्वारा, रुद्र यंत्र की सफाई में लगे हुए हैं।

Mahakal Bhakt

सुशील का ऐसा कोई खास मकसद या मनोकामना नहीं है लेकिन बस वह बाबा महाकाल की सेवा करना चाहते हैं। यही वजह है कि पिछले 12 वर्षों से बाबा महाकाल की कृपा और प्रेरणा से यह काम करते आ रहे हैं और आगे भी करने की बात कहते हैं।

पूरी टीम करती है सफाई

शर्मा और उनकी टीम वर्ष में तीन से चार बार महाकालेश्वर मंदिर पहुंचती है और यहां के चांदी द्वार रूद्र यंत्र नंदी द्वार गर्भ ग्रह और रजत मंडित दीवारों के साथ ही बाबा के मुकुट, आभूषण, छत्र आदि की साफ सफाई करती है। जब सावन मास में बाबा महाकाल की सवारी निकाली जाती है, तब भी पालकी के साथ अन्य सामानों की सफाई इसी टीम के हाथों रहती है।

टेंडर पर करते हैं काम

महाकालेश्वर मंदिर में हर काम टेंडर पर किया जाता है और गर्भगृह तथा आभूषणों की साफ सफाई के लिए सुशील हर साल टेंडर भरते हैं। सबसे खास बात यह है कि यह सारा काम नि:शुल्क होता है। इतने वर्षों से वह फ्री में ही बाबा महाकाल की सेवा समझकर इस कार्य को करते आ रहे हैं।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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