महाकाल लोक: पार्किंग से मंदिर तक सिर्फ 20 मिनट में पहुंचेंगे श्रद्धालु, आने वाले 50 सालों को देखकर बनाया गया है प्लान

Diksha Bhanupriy
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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। 11 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकाल लोक (Mahakal Lok) का लोकार्पण करने के लिए उज्जैन (Ujjain) पहुंचने वाले हैं। यह आशंका है कि वह लौटते वक्त उज्जैन इंदौर मार्ग से गुजर सकते हैं। इसी को देखते हुए 50 किलोमीटर तक इस मार्ग को लाइटिंग से सजा दिया गया है।

प्रधानमंत्री को इंदौर से उज्जैन पहुंचाने के लिए वायु सेना के तीन हेलीकॉप्टर भी पहले से ही इंदौर पहुंच चुके हैं। वीआईपी ड्यूटी के लिए इस खास एमआई 175वी5 हेलीकॉप्टर को तैयार किया गया है। सोमवार को इसके टेकऑफ और लैंडिंग की रिहर्सल भी की जाने वाली है।

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महाकाल लोक का लोकार्पण करने के लिए प्रधानमंत्री पहले इंदौर पहुंचेंगे और फिर वहां से उज्जैन आएंगे। वापस जाते समय उनके सड़क मार्ग से जाने का अनुमान लगाया जा रहा है इसी के चलते सड़क को आकर्षक विद्युत सज्जा से सजाया गया है। 50 किलोमीटर तक सजाई गई इस सड़क को सजाने में लगभग 4 दिनों का समय लगा।

महाकाल मंदिर में हुए विस्तारीकरण के बाद अब बाबा महाकाल का ये आंगन देश का सबसे सुव्यवस्थित दर्शन व्यवस्था वाला मंदिर बन जाएगा। आगे आने वाले 50 सालों को देखते हुए यहां पर दर्शन व्यवस्था तैयार की गई है। लोकार्पण के बाद श्रद्धालुओं के लिए सबसे अच्छी सुविधा कम समय और भीड़ में दर्शन होना रहेगा। इस कॉरिडोर में इस तरह की सुवावस्थित दर्शन व्यवस्था तैयार की गई है कि शिवरात्रि, नागपंचमी और सिंहस्थ जैसे त्योहारों में श्रद्धालु बिना किसी परेशानी के दर्शन कर सकेंगे।

अब तक किसी भी त्यौहार पर महाकाल मंदिर दर्शन करने के लिए पहुंचने वाले वाहनों को बहुत दूर रोक दिया जाता था। लेकिन अब इन वाहनों को ज्यादा दूर नहीं रोका जाएगा। पार्किंग से महाकाल मंदिर तक पहुंचने में श्रद्धालुओं को 20 मिनट का समय लगेगा और 1 घंटे में 30000 से ज्यादा श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन कर सकेंगे। फेस 1 की इस व्यवस्था में एक दिन में 10 लाख से अधिक श्रद्धालुओं को भी आराम से दर्शन कराए जा सकते हैं।

मंदिर व्यवस्था का फेस वन तो पूरी तरह से कंप्लीट है लेकिन फेस 2 को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई है। ये तैयारियां सिंहस्थ 2028 को ध्यान में रखकर की जा रही है। सिंहस्थ के दौरान किसी भी शहर से उज्जैन पहुंचने वाले वाहनों को सिंहस्थ क्षेत्र के डेढ़ किलोमीटर पास पार्किंग करने की सुविधा मिल जाएगी। मेला क्षेत्र में पहुंचने के लिए बैटरी वाली रिक्शा भी चलाई जाएगी। महाकाल दर्शन के लिए आने वाले श्रद्धालुओं के लिए 2023 के सितंबर तक एक नई पार्किंग भी तैयार की जा रही है जिसमें 2500 वाहन पार्क किए जा सकते हैं। इसके अलावा सिंहस्थ के लिए क्षिप्रा नदी के किनारे एक कॉरिडोर बनाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। जहां पर 7000 से ज्यादा वाहन पार्क किए जा सकेंगे।


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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।

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