आज सावन का दूसरा सोमवार है और बाबा महाकाल के दरबार में भक्तों की भीड़ उमड़ गई है। वैसे तो सावन का महीना होने की वजह से भक्तों का तांता लगा ही हुआ है लेकिन सोमवार का दिन खास होने की वजह से ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। आज सुबह स्वस्तिवाचन के साथ मंदिर के पट खोले गए और कर्पूर आरती के बाद स्नान, ध्यान पूजन किया गया।
बाबा महाकाल का दूध, दही, घी, शक्कर, शहद और फलों के रसों से बने पंचामृत से पूजन किया गया। इसके बाद त्रिशूल, रजत चंद्र, मुकुट, आभूषण, चंदन और ड्राई फ्रूट का श्रृंगार किया गया। श्रृंगार के पश्चात भस्म आरती की गई। आज जगत पिता महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने के लिए एक बार फिर नगर भ्रमण पर निकलेंगे।
महाकाल की दूसरी सवारी (Mahakal)
सावन भादो मास में बाबा महाकाल अपने भक्तों का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हैं। आज सावन के दूसरे सोमवार पर दूसरी सवारी निकलने वाली है जिसमें CM डॉ मोहन यादव भी शामिल होने वाले हैं। पारंपरिक मार्ग से होते हुए सवारी रामघाट पहुंचेगी जहां से शहर के विभिन्न मार्गो से होते हुए दोबारा मंदिर जाएगी। भक्ति बेसब्री से अपने आराध्य को देखने का इंतजार कर रहे हैं।
चन्द्रमौलेश्वर स्वरूप में दर्शन
आज राजाधिराज अपने भक्तों को 2 रूपों में दर्शन देने वाले हैं। रजत पालकी में वह चंद्रमौलेश्वर और हाथी पर मन महेश के रूप में नजर आएंगे। आज शाम 4 बजे राजसी वैभव के साथ सवारी की शुरुआत होगी। भक्त पलक पांवड़े बिछाकर अपने आराध्य का स्वागत करेंगे।
निकलने वाली है 6 सवारी
इस बार बाबा महाकाल की सवारी अलग-अलग थीम पर निकाली जा रही है। सावन भादो मास में 6 सवारी निकलेगी जिसमे अलग-अलग अंदाज नजर आएगा। पहली सवारी वैदिक उद्घोष की थीम पर निकली थी अब दूसरी सवारी लोक संस्कृति के थीम पर निकाली जाने वाली है। इसमें आठ जनजातीय कलाकारों के दल प्रस्तुति देने वाले हैं।
सवारी का मार्ग
अगर आप बाबा महाकाल की सवारी देखना चाहते हैं तो हम आपको सवारी का मार्ग बता देते हैं। महाकाल मंदिर से शुरू होकर यह कोट मोहल्ला, गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार,कहारवाड़ी होते हुए शिप्रा तट जाएगी। यहां से रामानुज कोट, कार्तिक चौक, ढाबा रोड, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार होते हुए 7:20 पर पुनः मंदिर पहुंचेगी। यहां भगवान की संध्या आरती की जाएगी।





