उज्जैन, योगेश कुल्मी। कार्तिक मास के सोमवार को उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी निकाली गई। भगवान महाकाल राजसी ठाठ बाट के साथ नगर भ्रमण पर निकले। उज्जैन में सावन माह की तरह ही कार्तिक-अगहन माह में भी महाकाल की सवारी निकालने की परम्परा है। कार्तिक माह की ये दूसरी सवारी है। सवारी पर कोरोना का ग्रहण साफ दिखाई दिया जहां सवारी में केवल पालकी ही थी।
महाकालेश्वर मंदिर से शाम को शुरू हुई बाबा की सवारी नगर के प्रमुख मार्गो से होती हुई शिप्रा नदी पहुची। मान्यता हे की भगवान महाकाल सवारी के रूप में अपनी प्रजा का हाल जानने के लिए नगर भ्रमण पर निकलते हे। वहीँ अपने राजा की एक झलक पाने के लिए प्रजा भी घंटो तक सडक के किनारे इंतजार करती हे। यहां इस वर्ष कोरोना के कारण श्रद्धालु काफी कम दिखाई दिए। शाम को पूजन के बाद राजा महाकाल को चाँदी की पालकी में बैठाकर मंदिर से बाहर लाया गया। जहां पुलिस जवानों ने गॉड ऑफ ऑनर दिया गया। कोरोना के कारण यहां सवारी में बेंड, भजन मंडली के प्रवेश पर प्रतिबंध रहा।