इस पर्वत की परिक्रमा से मिलता है गोवर्धन दर्शन का पुण्य, पत्थरों से आती है घंटी की ध्वनि

MP Tourism

MP Tourism: बाबा महाकाल की नगरी उज्जैन को श्रीकृष्ण की शिक्षास्थली के नाम से भी पहचाना जाता है। यहां पर कन्हैया ने अपने बड़े भाई बलराम के साथ महर्षि सांदीपनि से शिक्षा ग्रहण करने के लिए पहुंचे थे। यहां एक ऐसी जगह भी मौजूद है, जहां पर श्री कृष्ण की मुलाकात अपने प्रिय मित्र सुदामा से हुई थी।

कृष्ण सुदामा के मैत्री स्थल नारायणा से एक किलोमीटर दूर उत्तर दिशा की ओर स्वर्णगिरी पर्वत मौजूद हैं। इस जगह का विशेष महत्व है और कहा जाता है भगवान यहां अपनी गुरुमाता की आज्ञा से लकड़ियां एकत्रित करने आए थे। माता पार्वती ने सप्तऋषियों को प्रसन्न करने के लिए यहां पर तपस्या की थी। यही कारण है कि इस जगह का काफी महत्व है और इसकी परिक्रमा से गिरिराज जी पर्वत परिक्रमा का फल मिलता है।


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Diksha Bhanupriy

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"पत्रकारिता का मुख्य काम है, लोकहित की महत्वपूर्ण जानकारी जुटाना और उस जानकारी को संदर्भ के साथ इस तरह रखना कि हम उसका इस्तेमाल मनुष्य की स्थिति सुधारने में कर सकें।” इसी उद्देश्य के साथ मैं पिछले 10 वर्षों से पत्रकारिता के क्षेत्र में काम कर रही हूं। मुझे डिजिटल से लेकर इलेक्ट्रॉनिक मीडिया का अनुभव है। मैं कॉपी राइटिंग, वेब कॉन्टेंट राइटिंग करना जानती हूं। मेरे पसंदीदा विषय दैनिक अपडेट, मनोरंजन और जीवनशैली समेत अन्य विषयों से संबंधित है।