महाशिवरात्रि पर सीएम मोहन यादव ने उज्जैन महाकालेश्वर में पत्नी के साथ की पूजा अर्चना, प्रदेशवासियों के कल्याण की प्रार्थना

मुख्यमंत्री ने आज उज्जैन में सपत्नीक श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंचकर बाबा महाकाल के दर्शन व पूजन कर जगत के मंगल एवं कल्याण की कामना की। उन्होंने कहा कि बाबा महाकाल के इस मंदिर में पूजा कर मैं अपने आप को कृतार्थ मानता हूँ। बाबा महाकाल सबपर कृपा करें, मैंने ये आशीर्वाद माँगा है।

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CM Mohan Yadav worship in Ujjain Mahakaleshwar on Mahashivratri : आज महाशिवरात्रि के महापर्व पर सीएम मोहन यादव ने अपनी पत्नी के साथ उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में श्री महाकाल की पूजा अर्चना की। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि ‘आज मैंने संकल्प लेकर पूजा की है और बाबा महाकाल से प्रार्थना की है कि उनकी कृपा प्रदेशवासियों पर बनी रहे।’ उन्होंने कहा कि आज के दिन हम सभी ये कामना करते हैं कि सभी के ऊपर बाबा की कृपादृष्टि बनी रहे और हम विकास और संपन्नता की राह पर बढ़ें।

सीएम मोहन यादव ने की श्री महाकाल की पूजा अर्चना

सीएम मोहन यादव ने एक्स पर लिखा है कि “नागेन्द्रहाराय त्रिलोचनाय, भस्माङ्गरागाय महेश्वराय! नित्याय शुद्धाय दिगम्बराय, तस्मै न काराय नमः शिवाय!! महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने आज उज्जैन में सपत्नीक श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंच कर बाबा महाकाल के दर्शन व पूजन कर जगत के मंगल एवं कल्याण की कामना की। हर-हर महादेव।” उन्होंने कहा कि विक्रमादित्य काल से लेकर राजा शूरसेन यादव तक..बाबा महाकाल के इस मंदिर में पूजा कर मैं अपने आप को कृतार्थ मानता हूँ। बाबा महाकाल सबपर कृपा करें, मैंने ये आशीर्वाद माँगा है। पूरे प्रदेशवासियों, देशवासियों और सनातन संस्कृति के विश्ववासियों को महाशिवरात्रि की मंगलकामनाएँ।

महाशिवरात्रि पर महाकालेश्वर मंदिर में पूजा का है विशेष महत्व

बता दें कि उज्जैन महाकालेश्वर मंदिर में शिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजा अर्चना की जाती है। देश ही नहीं, विदेशों से भी श्रद्धालु पूजा और दर्शन के लिए यहाँ आते हैं। मान्यता है कि यहाँ दर्शनमात्र से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। शिवभक्तों के लिए ये दिन बेहद विशेष होता है और महाकालेश्वर मंदिर सबसे प्राचीन और पवित्र मंदिरों में माना जाता है। ये 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक है और मान्यता है कि यहाँ भगवान शिव स्वयं प्रकाश स्तंभ के रुप में प्रकट हुए थे। आज महाकाल का विशेष श्रृंगारी होता है और आज के दिन यहाँ पूजन का विशेष महत्व है।

 


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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