Wed, Dec 24, 2025

Rang panchami In Mahakal: हर्बल रंगों से रंग पंचमी खेलेंगे महाकाल, 5 क्विंटल टेसू के फूलों से बनाया जा रहा गुलाल

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
Rang panchami In Mahakal: हर्बल रंगों से रंग पंचमी खेलेंगे महाकाल, 5 क्विंटल टेसू के फूलों से बनाया जा रहा गुलाल

Rang panchami In Mahakal Mandire: विश्व प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर में हर त्योहार बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। दीपावली हो या फिर होली सभी का उल्लास यहां चरम पर होता है और विश्व भर में सबसे पहले बाबा महाकाल ही हर त्योहार को मनाते हैं। होली का त्योहार भी सबसे पहले मंदिर में मनाया गया था और अब रंग पंचमी की तैयारियां यहां पर शुरू हो चुकी है।

ऐसी मनेगी Rang panchami In Mahakal

रंग पंचमी के दिन सुबह होने वाली भस्म आरती के साथ पंडे पुजारी और श्रद्धालु रंग पंचमी का त्योहार मनाते हुए नजर आएंगे। इसके लिए टेसू के फूलों से हर्बल रंग तैयार किया जा रहा है। लगभग 5 क्विंटल फूल उज्जैन और उसके आसपास के इलाकों से मंगवाए गए हैं। जिन्हें उबालकर शुद्ध रंग तैयार किया जा रहा है, जो भस्म आरती के दौरान महाकाल को अर्पित किया जाएगा। सुगंधित फूलों से बनाए गए रंग से रंगपंचमी मनाए जाने की परंपरा अनादि काल से बाबा के आंगन में चली आ रही है।

अनादिकाल से महाकाल में चल रही है परंपरा

महाकाल मंदिर में हर्बल रंगों से बाबा के साथ रंग पंचमी मनाए जाने की परंपरा आज से नहीं बल्कि अनादिकाल से चली आ रही है। केमिकल युक्त रंग से शिवलिंग का क्षरण होता है उसी से बचाने के लिए हर्बल रंग का इस्तेमाल किया जाता है।

रंग पंचमी के करीब आते ही टेसू के फूल मंगवाए जाते हैं जिन्हें बड़े-बड़े कड़ाव में लगभग 3 घंटे तक उबाला जाता है। उबलते-उबलते जब इसमें रंग आने लगता है तो पानी छानकर ठंडा कर दिया जाता है और शुद्ध रंग तैयार हो जाता है।

इसी हर्बल रंग से पंडे-पुजारी और श्रद्धालु बाबा महाकाल के साथ रंग पंचमी का त्यौहार मनाते हैं और पूरा मंदिर उल्लास में मगन नजर आता है। प्राकृतिक रंगों को तैयार करने के लिए आगर और नलखेड़ा के जंगलों से टेसू के फूलों को इस बार महाकालेश्वर मंदिर में मंगवाया गया है।

 

5 क्विंटल फूलों से बनेगा हर्बल रंग

रंग पंचमी के अवसर पर बाबा महाकाल के आंगन में होली खेलने के लिए 5 क्विंटल फूलों से हर्बल रंग तैयार किया जा रहा है। रंग को बनाने में 2000 लीटर पानी लगेगा और 3 घंटे लगातार उबालने के बाद इसका केसरिया कलर आने पर ठंडा कर रंग तैयार होगा। भस्म आरती के दौरान बाबा महाकाल रंग में रंगे हुए नजर आएंगे उस समय मंदिर में अलौकिक दृश्य देखने को मिलने वाला है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु इस दिन महाकालेश्वर मंदिर पहुंचते हैं।