Ujjain News: शुरू हुआ केडी गेट से इमली तिराहा मार्ग चौड़ीकरण, 485 मकानों पर चलेगा निगम का हथौड़ा
उज्जैन (Ujjain) में सिंहस्थ को देखते हुए निर्माण कार्य तेजी से चल रहे हैं और इसी कड़ी में केडी गेट से लेकर इमली तिराहा मार्ग का चौड़ीकरण शुरू किया गया।
Ujjain Road Widening News: उज्जैन नगर निगम द्वारा केडी गेट से लेकर इमली तिराहा मार्ग का चौड़ीकरण किए जाने का काम लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है। आज ये काम शुरू कर दिया गया है और लॉ इन आर्डर की स्थिति को देखते हुए तीन स्थानों का पुलिस बल यहां पर तैनात है।
ये मार्ग डेढ़ किलोमीटर लंबा है और 485 मकान इस बीच मौजूद है, जिन पर चौड़ीकरण की कार्रवाई की जाने वाली है। इनमें से आठ मकान पूरी तरह से जाने वाले हैं और 4 महीने के अंदर नगर निगम ने इस काम को पूरा करने का लक्ष्य रखा है। 7.32 करोड़ की लागत से ये काम किया जाना है फिलहाल कोई भी विरोध में नहीं उतरा है।
Ujjain में चौड़ीकरण शुरू
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पुलिस प्रशासन, जिला प्रशासन और नगर निगम की टीम ने रविवार के दिन 2017 से अटके हुए केडी गेट से इमली तिराहा मार्ग का चौड़ीकरण शुरू किया है। इसके टेंडर की प्रक्रिया पहले ही पूरी कर ली गई थी और सेंटर लाइन से मार्किंग करते हुए लाल निशान लगा दिया गए थे।
7.50 मीटर तक इस रोड को 50 फीट चौड़ा किया जाने वाला है। फिलहाल इसकी चौड़ाई पांच, छह और सात मीटर तक आ रही है और मास्टर प्लान में ये आंकड़ा 15 मीटर का है, इसलिए दोनों और से इसे 50 फीट तक चौड़ा किया जाने वाला है।
एसएआर के रूप में मुआवजा
जिन प्रभावितों के मकान चौड़ीकरण की जद में आए हैं उन्हें एसएआर के रूप में मुआवजा दिया गया है। इसका मतलब ये है कि जिसका जितना मकान टूटेगा वो उससे डबल निर्माण ऊपरी मंजिल पर कर सकता है। आठ मकान पूरी तरह से जा रहे हैं इसलिए इन्हें मुआवजा दिया जाएगा। जब मकान तोड़ने की मुहिम शुरू की गई तो कोई भी विरोध में सामने नहीं आया, लोगों ने खुद ही मकान तुड़वाना शुरू कर दिए थे।
मंदिर मस्जिद प्रशासन की जिम्मेदारी
डेढ़ किलोमीटर के इस मार्ग में एक मस्जिद, एक दरगाह और 13 मंदिर आते हैं। इन सभी के संबंध में जिला प्रशासन द्वारा निर्णय लिया जाएगा। चौड़ीकरण के लिए ठेकेदार के 50 व्यक्ति, नगर निगम जोन क्रमांक एक और दो, प्रकाश विभाग, पीएचई विभाग, विद्युत मंडल के कर्मचारी, इंजीनियर समेत तीन पुलिस थाने का बल मौजूद है। बता दें कि इस मार्ग के चौड़ीकरण के लिए सिंहस्थ 2016 से पहले भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन समय के अभाव के चलते यह नहीं हो सका था। लेकिन अब 4 महीने के अंदर इसे पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है और काम तेजी से चल रहा है।