River Conservation In Ujjain: शिप्रा को स्वच्छ और प्रवाहमान बनाने का मुद्दा लंबे समय से चर्चा में बना हुआ है और समय-समय पर इसकी मांग की जाती है। अब मोक्षदायिनी को प्रवाह मां बनने के लिए उसकी आठ सहायक नदियों को पुनर्जीवित करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है। ये नदियां एक समय प्रवाहमान थी लेकिन धीरे-धीरे इनका अस्तित्व समाप्त होता चला गया लेकिन अब इनके पुनर्जीवन के लिए स्थानीय लोगों ने भी मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाए हैं और स्वेच्छा से अपनी जमीन छोड़ दी है।
उज्जैन में River Conservation शुरू
संरक्षण अभियान के तहत नदियों को पुनर्जीवित करने के इस काम में सबसे पहले चंद्रभागा नदी का चुनाव किया गया है। जानकारी के मुताबिक इसके लिए अभियान से जुड़े लोगों के साथ ग्रामीणों ने स्वेच्छा से संसाधन जुटा कर परिजनों के साथ श्रमदान किया। इसका नतीजा यह हुआ की चंद्रभागा की धारा फिर से बहने लगी। श्रमदान करने के अलावा लोगों ने अपनी जमीन भी दान में दे दी है। फिलहाल ये काम मोहनपुरा से लेकर मुल्लापुरा तक कंप्लीट हो गया है। आने वाली ग्रीष्म ऋतु में मुल्लापुर से सोमतीर्थ तक काम करवाया जाएगा।
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नदी में फूटी जलधारा
जानकारी के मुताबिक चंद्रभागा के लिए 12 फीट की खुदाई का रास्ता बनाया गया है। यहां पर खुदाई की जा रही थी, तो 3 फीट तक काली और पीली मिट्टी निकाल रही थी। इसके बाद मुरम और चूने की सतह दिखाई दी। धीरे-धीरे पानी साफ होने लगा जिसकी वजह मुरम और चूने की सतह को बताया जा रहा है। चंद्रभागा के बाद अब अन्य नदियों को पुनर्जीवित करने का काम भी किया जाएगा।