उज्जैन में भादो की पहली सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ निकली, श्री चन्द्रमौलीश्वर ने दिये भक्तों को दर्शन

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। भगवान श्री महाकालेश्वर की पांचवी सवारी में चारों ओर भगवान शिव की जयकार हो रही थी। सवारी के आगे भक्त ढोल,शहनाई, डमर, झांझ आदि वाद्य बजाते हुए शिव के गुणगान करते हुए चल रहे थे। भाद्रपद माह के पहले सोमवार को भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर पालकी में और भगवान श्री मनमहेश हाथी पर सवार होकर अपनी प्रजा का हाल जानने नगर भ्रमण पर निकले।

उज्जैन में भादो की पहली सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ निकली, श्री चन्द्रमौलीश्वर ने दिये भक्तों को दर्शन

सवारी निकलने के पूर्व मंदिर के सभामंडप में भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर का विधिवत पूजन-अर्चन किया गया। पूजन मुख्य पुजारी पं. श्री घनश्याम शर्मा ने संपन्न ‍करवाया। पूजन श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह एवं पुलिस अधीक्षक सत्येन्द्र कुमार ने किया। पूजन के पश्चात सभी गणमान्यों ने पालकी को नगर भ्रमण की ओर रवाना किया। इस दौरान मंदिर समिति प्रशासक एवं अतिरिक्त जिला दंडाधिकारी नरेन्द्र सुर्यवंशी, श्री महंत श्री विनीत गिरी, मंदिर समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल, प्रतीक द्विवेदी, सहायक प्रशासनिक अधिकारी आर.के.तिवारी आदि उपस्थित थे। जैसे ही पालकी मुख्य द्वार पर पहुंची होमगार्ड, पुलिस एवं एस.ए.एफ. के जवानों द्वारा भगवान को सलामी दी गई।

भगवान श्री चन्द्रमौलीश्वर की पालकी श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य द्वार से बड़ा गणेश मंदिर के सामने, रूद्रसागर, हरसिद्धि मंदिर के समीप से नृसिंह घाट रोड पर सिद्धआश्रम के सामने से निकल कर क्षिप्रातट रामघाट पहुंची। रामघाट पर मां क्षिप्रा के जल से बाबा श्री चन्द्रमौलीश्वर का अभिषेक-पूजन किया गया। क्षिप्रा नदी के जल से अभिषेक-पूजन व आरती के पश्चात सवारी रामानुजकोट, हरसिद्धी पाल से हरसिद्धी मंदिर के सामने पहुंची।

नगर भ्रमण के दौरान बाबा श्री महाकाल जैसे ही मां हरसिद्धी मंदिर के द्वार पर मां से भेंट करने पहुंचे, यहां श्री मां एवं बाबा श्री महाकाल के मिलन का विहंगम दृश्य देखते ही बन रहा था। माता शक्ति एवं बाबा सर्वशक्तिमान के जयकारों की गूंज से सम्पूर्ण वातावरण भक्तिमय बन गया। मां हरसिद्धी के द्वार पर बाबा श्री महाकालेश्वर व मां की आरती के समय वातावरण मोहक बनाने के लिए आकर्षक आतिशबाजी की गयी। मां और बाबा श्री महाकाल के भेंट के दृश्य को देखकर वहॉ उपस्थित सभी भक्त भाव-विभोर हो गए। आरती के बाद सवारी बड़ा गणेश मंदिर के सामने से होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रांगण में वापस आयी जहां सभामण्डप में पुन: पूजन के बाद सवारी का विश्राम हुआ। श्री महाकालेश्वर भगवान की भाद्रपद माह की दूसरी सवारी 30 अगस्त को निकलेगी।

उज्जैन में भादो की पहली सवारी राजसी ठाट-बाट के साथ निकली, श्री चन्द्रमौलीश्वर ने दिये भक्तों को दर्शन

राजसी ठाट-बाट से सुसज्जित सवारी राज मार्ग विभिन्न रंगबिरंगी पताकाओं, छत्रियों एवं कालीनों से सुशोभित किया गया था। सवारी निकासी के समय के उद्घोषक, तोपची भगवान श्री महाकाल का ध्वज, अश्वारोही दल, विशेष सशस्त्र बल, पुलिस बैण्ड, नगर सेना, महाकाल के पुजारी-पुरोहित, ढोलवादक, झांझवादक, चोपदार, चांदी की झाडुवाहक, अन्य आवश्यक व्यवस्था में लगने वाले अधिकारी-कर्मचारी सीमित संख्या में उपस्थित थे। मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक नरेन्द्र सूयवंशी ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति की ओर से मंदिर की आई.टी. शाखा व उज्जैन एन.आई.सी की सहायता से मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट www.mahakaleshwar.nic.in के माध्यम से स्मार्ट सिटी द्वारा उज्जैन की सड़कों के किनारे लगाई गई एल.ई.डी. ,फेसबुक पेज, यू-ट्यूब व सभी स्थानीय चैनलों पर सवारी के साथ-साथ बाबा श्री महाकालेश्वर के दर्शनों का भी प्रतिदिन लाइव प्रसारण किया रहा है, जिससे उज्जैन सहित देश-विदेश के लाखों श्रद्धालु बाबा श्री महाकाल के दर्शन व सवारी के सीधे प्रसारण का लाभ घर पर ही प्राप्त कर रहे है। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति की वेबसाइट लाइव प्रसारण-दर्शन के अतिरिक्त ऑनलाइन प्रसाद बुकिंग, दान आदि की सुविधा भी उपलब्ध हैं।


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श्रुति कुशवाहा

श्रुति कुशवाहा

2001 में माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल से पत्रकारिता में स्नातकोत्तर (M.J, Masters of Journalism)। 2001 से 2013 तक ईटीवी हैदराबाद, सहारा न्यूज दिल्ली-भोपाल, लाइव इंडिया मुंबई में कार्य अनुभव। साहित्य पठन-पाठन में विशेष रूचि।

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