Mahakal Mandir: श्रावण मास जैसे-जैसे करीब आ रहा है उज्जैन और महाकालेश्वर मंदिर में वैसे-वैसे श्रद्धालुओं के लिए सुविधाएं बढ़ाने की तैयारियों में तेजी आ रही है। 4 जुलाई से सावन का महीना लग जाएगा और पहला सोमवार 10 जुलाई को आएगा, जब बाबा महाकाल की सवारी निकलेगी। इस बार अधिक मास होने से श्रावण 2 महीने तक चलेगा। ऐसे में सवारियों की संख्या ज्यादा है और भक्तों की संख्या में भी इजाफा होने वाला है।
सावन के महीने में बड़ी संख्या में कावड़ यात्रियों का दल बाबा महाकाल को जल अर्पित करने के लिए पहुंचता है। अब बाबा को जल अर्पित करने के लिए अलग-अलग कावड़ यात्रा दल के आवेदन अनुमति के लिए मंदिर प्रशासन के पास पहुंचने लगे हैं। हालांकि, अभी इस संबंध में मंदिर प्रशासन द्वारा कैसी व्यवस्था रखी जाएगी इस बारे में निर्णय नहीं लिया गया।
सावन में महाकाल पहुंचेंगे कावड़ यात्री
महाकालेश्वर मंदिर में श्रावण का बहुत अधिक महत्व देखा जाता है। इस दौरान देश भर से यात्रियों के दल पवित्र नदियों का जल लेकर बाबा का अभिषेक करने के लिए पहुंचते हैं। मंदिर समिति को अभी से जल अर्पण के आवेदन मिलने लगे हैं। इस बार सावन का महीना 2 माह का रहेगा इसलिए गर्भगृह में प्रवेश बंद कर दिया जाएगा। दूसरी और विस्तारीकरण का कार्य चल रहा है। आवेदन तो लिए जा रहे हैं लेकिन भीड़ प्रबंधन और कावड़ यात्रियों को किस तरह से प्रवेश दिया जाएगा फिलहाल ये तय नहीं किया जा सका है।
दो जगहों पर लगते हैं जल पात्र
महाकालेश्वर मंदिर समिति द्वारा हर बार कावड़ यात्रियों और सामान्य श्रद्धालुओं के लिए बाबा महाकाल को जल अर्पित के लिए सभा मंडपम और कार्तिकेय मंडपम में जल पात्र लगाया जाता है। इन पात्रों के माध्यम से चढ़ाया गया जल सीधा बाबा महाकाल तक पहुंचता है।
सावन मास में गर्भ ग्रह में प्रवेश की अनुमति नहीं होती है और भीड़ के दबाव के चलते बैरिकेड से दर्शन करने के बाद श्रद्धालुओं को निर्गम मार्ग से बाहर निकाल दिया जाता है। सामान्य श्रद्धालुओं के लिए तो व्यवस्था सुचारू रूप से जारी है। लेकिन कावड़ यात्रियों के प्रवेश को लेकर फिलहाल मार्ग और व्यवस्था तय नहीं हुई है, जल्द ही इस पर निर्णय लिया जाएगा।