जीएसटी नम्बर देने के नाम पर दो महिला कर्मियों ने मांगी घूस, लोकायुक्त पुलिस ने 3500 रुपये लेते रंगे हाथ पकड़ा

लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।

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Lokayukta Police Action : भ्रष्ट शासकीय सेवकों के खिलाफ लगातार हो रहे एक्शन के बावजूद रिश्वतखोरी की घटनाओं में कमी नहीं आ रही है, आज एक बार फिर लोकायुक्त पुलिस की टीम को एक भ्रष्ट अधिकारी को गिरफ्तार करने में सफलता मिली है, लोकायुक्त पुलिस उज्जैन की टीम ने जीएसटी कार्यालय पर छापा मारकर जीएसटी की इंस्पेक्टर और सहायक ग्रेड-3 की महिला कर्मचारी को 3500 की रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार किया है। इसके बाद जीएसटी विभाग में हड़कंप मच गया है। दोनों महिला कर्मचारी के खिलाफ लोकायुक्त ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।

यह पूरा मामला वाणिज्य कर विभाग का है। भरतपुरी क्षेत्र में स्थित जीएसटी कार्यालय (वाणिज्य कर विभाग) के कार्यालय में उस समय अफरा तफरी मच गई जब वहीं पर पदस्थ दो महिला कर्मियों लोकायुक्त ट्रेप में फंस गई। लोकायुक्त डीएसपी राजेश पाठक ने बताया कि यही पर पदस्थ सहायक ग्रेड-3 किरण जोशी और इंस्पेक्टर विजया भीलाला द्वारा फरियादी दीप सिंह बुनकर से जीएसटी नंबर देने के नाम पर 6000 रुपए की मांग की गई थी। लेकिन बुनकर ने इस बात की सूचना लोकायुक्त को दी।

फरियादी दीप सिंह बुनकर निवासी महावीर बाग कालोनी की श्री राधा कांट्रेक्टर नामक फर्म है, फरियादी ने बताया कि उज्जैन बदनावर रोड पर जी आर कम्पनी से सीमेंट गिट्टी का काम ले रखा है, कार्य पूरा होने पर जब कम्पनी ने जीएसटी नम्बर लाने को कहा मैंने 23 अगस्त को जीएसटी नम्बर के लिए आवेदन किया था। जिसके बाद से ही दोनों महिला अधिकारी नम्बर देने के एवज में 6000 रुपए रिश्वत की डिमांड कर रही थी। दोनों महिला अधिकारी 3500 रुपए पर जीएसटी नम्बर देने के लिए राजी हो गई। जिसके बाद मेने लोकायुक्त में इसकी शिकायत कर दी।

पुलिस ने दर्ज किया मामला

घूस की रकम देने के लिए ठेकेदार को महिला अधिकारियों ने सहायक ग्रेड-3 किरण जोशी के केबिन में बुलाया था। ठेकेदार पहुंचे तो यहां दोनों महिला अधिकारी ही थीं। ठेकेदार के रुपए देने पर जोशी ने टेबल के दराज में रखने को कहा। इसके थोड़ी देर बाद लोकायुक्त ने दबिश दी। दोनों महिलाकर्मी को रंगे हाथ गिरफ्तार कर लिया। लोकायुक्त पुलिस ने आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज कर लिया है।


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Amit Sengar

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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है। वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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