Ujjain Baba Mahakal Swari : श्रावण माह के दूसरे सोमवार को बाबा महाकाल की सवारी के गौरवशाली इतिहास में नया अध्याय जुड़ा। सवारी में पहली बार पुलिस ब्रॉस बैंड के 350 जवानों की सुमधुर प्रस्तुति ने सवारी के उत्साह, उमंग और आकर्षण को और अधिक बढ़ाया। सवारी मार्ग से लेकर शिप्रा तट के पावन रामघाट पर बाबा महाकाल की सवारी के पूजन के दौरान पुलिस बैंड द्वारा विशेष प्रस्तुतियां दी गई जिसमें एक से बढ़कर एक धार्मिक धुनों की प्रस्तुति से श्रद्धालु झूम उठें। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बाबा महाकाल की सवारी में अद्भुत प्रस्तुति देने के लिए पुलिस बैंड को बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।
शामिल हुए मंत्री
श्रावण के दूसरे सोमवार पर भगवान श्री महाकालेश्वर पालकी में श्री चन्द्रमोलेश्वर रूप में तथा हाथी पर श्री मनमहेश के स्वरूप में अपने भक्तों को दर्शन देने और अपनी प्रजा का कुशल-मंगल जानने नगर भ्रमण पर निकले। सवारी के निकलने के पूर्व श्री महाकालेश्वर मंदिर परिसर के सभामंडप में मध्यप्रदेश शासन के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल ने सपत्नीक भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन-अर्चन किया और आरती की। पूजन-अर्चन शासकीय पुजारी .घनश्याम शर्मा द्वारा संपन्न कराया गया। सर्वप्रथम भगवान श्री महाकालेश्वर का षोड़शोपचार से पूजन-अर्चन किया गया। मंत्री श्री पटेल ने मन्दिर से चलकर रामघाट पर पालकी का पूजन भी किया।
मुख्यमंत्री डॉ यादव की पहल पर सवारी में पहली बार 350 जवानों के पुलिस बैंड की प्रस्तुति
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव की विशेष पहल पर 350 जवानों के पुलिस बैंड की प्रस्तुति ने भगवान महाकाल की सवारी के गौरव और शोभा को कई गुना बढ़ाया। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ.यादव ने पुलिस बैंड की महत्ता पर बल देते हुए हर जिले में पुलिस बैंड की स्थापना और इसके लिए इच्छुक पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण देकर उन्हें बैंड में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए थे। उनके निर्देश पर प्रदेश की पुलिस इकाइयों में पुलिस कर्मचारियों को बैंड वादन व विभिन्न वाद्ययंत्रों का सघन प्रशिक्षण दिया गया। जिनके द्वारा आज बाबा महाकाल की सवारी में प्रस्तुति दी गईं।
शिवभजनों की सुमधुर धुनों पर झूमे श्रद्धालु
पुलिस बैंड द्वारा नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय, हर हर शंभू, देवा महादेवा,मेरे घर राम आए है, ,देवा हो देवा गणपति देवा, ॐ जय शिव ओमकारा ,सत्यम शिवम सुन्दरम आदि शिवभजनों की सुमधुर धुनों की प्रस्तुतियां पर श्रद्धालु झूमें। पुलिस बैंड द्वारा सवारी में प्रस्तुति के प्रशिक्षण भी किया गया। पुलिस बैंड द्वारा रामघाट पर विशेष प्रस्तुति दी गई।
जनजातीय कलाकारों ने दी मनमोहक प्रस्तुतियां
बाबा महाकाल की दूसरी सवारी में छिंदवाड़ा और डिंडोरी जिले के जनजाति कलाकारों द्वारा मनमोहक प्रस्तुतियां दी गई। छिंदवाड़ा से आए कलाकारों ने पारंपरिक वेशभूषा कुर्ता,धोती और पगड़ी पहनकर पिंकी, ढोल आदि वाद्ययंत्रों पर भड़म नृत्य की आकषर्क प्रस्तुतियां दीं। वहीं डिंडोरी जिले के जनजातीय कलाकारों ने थिसकी, बासुरी, मादर, टिमकी आदि वाद्य यंत्रों पर कर्मा नृत्य की मनमोहक प्रस्तुतियां ने सवारी में समां बांधा। कर्मा नृत्य में पुरुषों ने हवाल, छीनन्द्री,झंगा ,जैकेट कलगी और महिलाओ ने मुंगी, फरिया, बिरंन माला, करदन, टिसकी पहनी। उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री डॉ यादव की मंशानुरूप बाबा महाकाल की सवारियों में प्रदेश के विभिन्न जनजातीय जिलों के जनजातीय कलाकारों का समूह शामिल हो रहा हैं।
भगवान श्री महाकालेश्वर की सवारी महाकाल मंदिर से प्रस्थान कर जैसे ही रामघाट पहुँची, चारों ओर श्रद्धा और उल्लास का वातावरण छा गया। श्रावण में अपने सौन्दर्य की छटा बिखेरते हुए स्वयं प्रकृति भगवान श्री महाकाल का स्वागत करने के लिए आतुर थी। भगवान श्री महाकालेश्वर का पूजन और जलाभिषेक पुजारी श्री आशीष गुरु आदि द्वारा किया गया। भगवान महाकालेश्वर चंद्रमोलेश्वर के स्वरुप में अपने भक्तों को आशीर्वाद देने के लिए शिप्रा तट पर पहुँचे। इसके पश्चात मां शिप्रा नदी के जल से भगवान का जलाभिषेक किया गया। पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने रामघाट पर भगवान का जलाभिषेक किया। पूजन के पश्चात पुरोहितों द्वारा रुद्रपाठ किया गया।
बाबा महाकाल की सवारी में आगे और पीछे दो एलईडी लगे 2 रथ चलें , जिस पर सवारी के लाइव प्रसारण के माध्यम से श्रद्धालुओं ने सुगमता पूर्वक दर्शन किए। चलित रथों को पुष्प की लड़ियों से आकर्षण ढंग से सजाया गया। इसके साथ ही महाकाल घाटी, दत्त अखाड़ा, रामघाट, गोपाल मंदिर आदि प्रमुख स्थानों पर बड़ी एलईडी के माध्यम से भी श्रद्धालुओं ने सजीव प्रसारण देखा।
पुलिस की सलामी
भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर पालकी में सवार जैसे ही श्री महाकालेश्वर मंदिर के मुख्य् द्वार पर पहुंचें सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा पालकी में सवार श्री चन्द्रमोलेश्वर को सलामी (गार्ड ऑफ ऑनर) दी गई। सवारी मार्ग में स्थान-स्थान पर खडे श्रद्धालुओं ने जय श्री महाकाल के घोष के साथ उज्जैन नगरी के राजा भगवान श्री महाकालेश्वर पर पुष्पवर्षा की। भगवान इंद्र ने श्री महाकालेश्वर भगवान का स्वागत किया।
शहर भ्रमण
श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी में हजारों भक्त झांझ, मंजीरे, डमरू, ढोल आदि वाद्य यंत्र बजाते हुए महाकाल की आराधना करते हुए पालकी के साथ उत्साह के साथ चलें।श्रद्धालुओ ने सुगमतपूर्वक बाबा महाकाल की सवारी के दर्शन किए। श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी महाकाल मंदिर से गुदरी चौराहा, बक्षी बाजार, कहारवाडी होते हुए रामघाट पहुंची रामघाट पर श्री चन्द्रमोलेश्वर व श्री मनमहेश का मॉ क्षिप्रा के जल से अभिषेक पूजन किया गया। पूजन -अर्चन के बाद भगवान महाकाल की सवारी रामघाट से रामानुज कोट, मोढ की धर्मशाला, कार्तिकचौक, खाती का मंदिर, सत्येनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक होते हुए गोपाल मंदिर पहुंची। जहॉ परंपरानुसार सिंधिया स्टेट की ओर से गोपाल मंदिर के पुजारी द्वारा पालकी में विराजित श्री चन्द्रमोलेश्वर का पूजन किया गया। इसके पश्चात सवारी गोपाल मंदिर से पटनी बाजार गुदरी चौराहा होते हुए श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची। जहाँ पुनः आरती उपरांत सवारी का विश्राम हुआ।
उज्जैन से राजेश कुलमी की रिपोर्ट