उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन (Ujjain) नगर निगम में हाल ही में नई परिषद का गठन किया गया है। परिषद इस समय बजट की कमी से जूझ रही है और इसकी पूर्ति करने के लिए अब नया फार्मूला तैयार कर लिया गया है। अब निगम संपत्ति कर जमा नहीं करने वाले बकायादारों पर कार्रवाई करने की तैयारी में है. लगभग 390 लोगों की एक सूची तैयार की गई है जिनका संपत्ति कर 1लाख रुपए से लेकर 1 करोड़ तक पहुंच गया है।
जानकारी के मुताबिक शहर में डेढ़ लाख प्रॉपर्टी नगर निगम के रिकॉर्ड में दर्ज है। इनमें से आम लोग तो अपना संपत्ति कर समय पर जमा कर देते हैं, लेकिन कुछ सरकारी संपत्ति और प्रभावशाली लोग लंबे समय से संपत्ति कर जमा नहीं कर रहे हैं। यही वजह है कि अब निगम का राजस्व विभाग इन लोगों पर सख्ती से कार्रवाई करने की तैयारी कर चुका है।
इस कार्रवाई के लिए जोन लेवल पर पदस्थ अधिकारियों को निगम में बुलाया गया और टास्क फोर्स तैयार कर बकायादारों को नोटिस भेजे गए। सभी को यह कहा गया है कि वह 10 दिन के अंदर अपना टैक्स जमा कर दें अन्यथा उनकी प्रॉपर्टी पर ताले लगा दिए जाएंगे।
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हैरानी की बात यह है कि संपत्ति कर जमाना करने वालों में आम आदमी के साथ सरकारी विभाग और बड़े बिल्डर भी शामिल हैं। सबसे बड़े बकायादार की बात करें तो वह भेरूगढ़ जेल है जिस पर 96 लाख रुपए का संपत्ति कर बकाया है। इसके अलावा और भी कई सरकारी विभाग है जिन्होंने संपत्ति कर जमा नहीं किया है।
शहर के 6 जोन को मिलाकर लगभग 7 करोड़ के संपत्ति कर की वसूली की जानी है। इस वसूली से मिले पैसे को शहर में चल रहे कई प्रोजेक्ट को पूरा करने में इन्वेस्ट किया जाएगा। इसमें कानीपुरा में बनाई जा रही है मल्टी, सुदामा नगर की दुकानें, अलखनंदा का शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, सड़क निर्माण, खंभों की मरम्मत और स्ट्रीट लाइट की व्यवथा शामिल है।