Ujjain News: उज्जैन विकास प्राधिकरण (UDA) में 2020 में हुई गड़बड़ी में अभी तक कोई कार्रवाई देखने को नहीं मिली है। दरअसल 2020 में यूडीए द्वारा आयोजित आवासीय योजना में लॉटरी पद्धति से प्लॉटों का आवंटन किया गया था। जिसके चलते यूडीए को बड़ा नुकसान झेलना पड़ा था। आपको बता दें उज्जैन के शिप्रा विहार के ई वी डी सेक्टर में बनाई गई आवासीय योजना में 2020 में लॉटरी पद्धति से बेचे गए प्लॉटों ने यूडीए को लगभग चार से पाँच करोड़ का आर्थिक नुकसान होने का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद, तीन साल बाद भी इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की गई है।
सवाल – यूडीए ने लॉटरी से क्यों किया आवंटन?
जानकारी के अनुसार यूडीए ने शिप्रा विहार के 23 प्लॉट्स को लॉटरी पद्धति से आवंटित किया था, जिनकी कीमत 5 करोड़ 98 लाख 2 हजार 66 रुपए रखी गई थी। हालांकि इसमें तत्कालीन गाइड लाइन के अनुसार 11200 रुपए प्रति वर्ग मीटर की मान से कीमत निर्धारित की गई थी। लेकिन इसमें कुछ प्लॉट्स की कीमत बाजार मूल्य की तुलना में काफी कम थी, जिसके लिए अब सवाल उठ रहे हैं।
टेंडर से लेकर लॉटरी और ऑक्शन का इस्तेमाल क्यों?
उज्जैन विकास प्राधिकरण द्वारा अपनाए जाने वाले आवासीय योजना में टेंडर, लॉटरी, और ऑक्शन जैसे विभिन्न पद्धतियों का इस्तेमाल करके मुनाफा कमाया जा रहा है। यह सिस्टम में परिवर्तन का सुरक्षित होना चाहिए ताकि यूज़ीडीए को आर्थिक नुकसान से बचाया जा सके।