Tue, Dec 30, 2025

Ujjain: मोक्षदायिनी शिप्रा में मिल रहा गंदे नालों का पानी, स्वास्थ्य के लिए बन रहा खतरा

Written by:Diksha Bhanupriy
Published:
Ujjain: मोक्षदायिनी शिप्रा में मिल रहा गंदे नालों का पानी, स्वास्थ्य के लिए बन रहा खतरा

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। उज्जैन (Ujjain) की जीवनदायिनी और मोक्षदायिनी शिप्रा नदी (Shipra River) इन दिनों गंदगी का शिकार हो रही है। नदी में लगातार गंदे नालों का पानी मिल रहा है। जिसकी वजह से जलीय जीवों का जीवन तो खतरे में है ही साथ ही लोगों के स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ने का खतरा देखा जा रहा है। शिप्रा नदी के पानी में मिल रही इस गंदगी की वजह विभाग के पास बजट नहीं होना है।

बता दें कि शिप्रा नदी में पानी को साफ करने के लिए जो पंप हाउस लगाए गए हैं। उनका उचित रूप से संचालन करने के लिए लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के पास बजट नहीं है। बजट के अभाव में यह पंप हाउस सही तरीके से संचालित नहीं हो रहे हैं। जिसका खामियाजा जलीय जीवों को भुगतना पड़ रहा है और आने वाले समय में यह शहर के लोगों के स्वास्थ्य के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है।

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बजट के अभाव में अधिकारियों द्वारा कोई भी काम कर पाना एक समस्या बन गया है। इस मामले की जानकारी जब महापौर मुकेश टटवाल को लगी तो उन्होंने पंप हाउस का निरीक्षण कर अधिकारियों से जानकारी ली। अधिकारियों ने उन्हें बताया कि बजट की कमी के चलते यह स्थिति बनी हुई है। समस्या का पता लगने के बाद महापौर का कहना है कि बजट की कमी को दूर करते हुए पंप हाउस जल्द चालू कर शिप्रा के पानी को साफ किया जाएगा।

बता दें कि शहर में लगभग 12 बड़े नाले हैं जिनका पानी इस वक्त सीधा शिप्रा नदी में मिल रहा है। पानी शिप्रा नदी में ना मिले इसके लिए जगह-जगह पर पंप हाउस तैयार किए गए हैं। इन पंप हाउस के माध्यम से नालों से आने वाला पानी पाइपलाइन से होकर सदावल सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट और कान्ह डायवर्शन पाइप लाइन से कलियादेह महल के आगे पहुंचाया जाता है। फिलहाल सिर्फ चार पंप हाउस काम कर रहे हैं और 5 बंद पड़े हुए हैं जिसकी वजह से शिप्रा मैली हो रही है।

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नालों का पानी शिप्रा में मिलने की वजह से नदी का स्वच्छ पानी भी दूषित हो रहा है। इस बारे में पीएचई के अधिकारियों द्वारा कई बार नगर निगम के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को सूचना दी जा चुकी है। यह बताया जा चुका है कि पंप हाउस का मेंटेनेंस फंड के अभाव में नहीं हो पा रहा है। इसी के साथ पहले कराए गए मेंटेनेंस के बिल का भुगतान भी अब तक नहीं किया गया है। पीएचई को लगभग 7 करोड रुपए चुकाने हैं, जिस वजह से ठेकेदार काम करने से मना कर रहे हैं।

मामला सामने आने के बाद महापौर ने इस बारे में संज्ञान लिया है और निगमायुक्त रोशन कुमार ने लालपुल, मंछामन, हनुमान नाका, जूना सोमवारिया, गणगौर दरवाजा, आयुर्वेदिक औषधालय, वीर दुर्गादास की छत्री पर बनाए गए पंपिंग स्टेशन का निरीक्षण भी किया है। निरीक्षण के दौरान पांच पंप हाउस बंद मिले हैं, जिन्हें जल्द चालू करने की बात कही गई है।