जब चप्पल चोरी का मामला पहुंचा पुलिस के पास, पढ़िए क्या लिखा शिकायत में

Atul Saxena
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उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। सामान्य तौर पर पुलिस ( Ujjain Police) किसी गंभीर अपराध की शिकायत पहुँचती है लेकिन इस बार जो शिकायत पहुंची है उस जानकर आप हैरान रह जायेंगे। ये शिकायत है चप्पल चोरी (slippers theft case) की। जी हाँ सही पढ़ा आपने, चप्पल चोरी की। शिकायत के बाद अधिकारियों ने जांच कर वैधानिक कार्यवाही के आदेश दिए हैं।

संभवतः चप्पल चोरी का पहला ऐसा मामला होगा जो पुलिस के पास पहुंचा है। आमतौर पर व्यक्ति चप्पल खो जाने या चोरी हो जाने पर दूसरी खरीद लेता है लेकिन उज्जैन जिले के एक ग्रामीण ने पुलिस चौकी चापाखेड़ा में उसकी चप्पल चोरी किये जाने के सम्बन्ध में शिकायती आवेदन दिया है।

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उज्जैन जिले के ग्राम तारोद तहसील खाचरोद में रहने वाले ग्रामीण जितेंद्र बागरी चापाखेड़ी पुलिस चौकी प्रभारी को एक शिकायती आवेदन दिया है। आवेदन में जितेंद्र ने लिखा कि मेरे घर से कोई मेरी चप्पल चोरी कर ले गया है।  यदि अज्ञात व्यक्ति ने कहीं चोरी कर मेरी चप्पलों को वहां डाल दिया तो मुझे फंसाया जा सकता है।

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इसलिए मेरी चप्पल चोरी का उक्त अज्ञात चोर द्वारा अनुचित प्रयोग किये जाने पर मैं जवाबदार नहीं रहूँगा।  आवेदन में चोरी गई काले रंग की एक जोड़ी चप्पल की कंपनी का नाम और कीमत 180/- रुपये बताई गई है। शिकायती आवेदन आने के बाद चौकी प्रभारी ने अशोक कटारा नामक प्रधान आरक्षक को इसकी जांच कर वैधानिक कार्यवाही के निर्देश दिए हैं।

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चप्पल चोरी का ये शिकायती आवेदन इस समय चर्चा का विषय बना हुआ है और सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, दरअसल इस आवेदन में ग्रामीण ने जो शंका जाहिर की है वो बहुत गंभीर बात है। संभव है कि कुछ शातिर अपराधी इस तरह की हरकत करते हों, बहरहाल हम उम्मीद करते हैं कि ग्रामीण जितेंद्र की चोरी गई चप्पल पुलिस ढूंढ लेगी और वो किसी मुसीबत में नहीं पड़ेगा।

जब चप्पल चोरी का मामला पहुंचा पुलिस के पास, पढ़िए क्या लिखा शिकायत में


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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